Air India Express में ऐसी कौन सी बीमारी फैली कि कर्मचारियों ने ली सिक लीव? 70 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द
Air India Express crisis: एयर इंडिया एक्सप्रेस के कई कर्मचारी बुधवार को अचानक एक साथ सिक लीव पर चले गए. कर्मचारियों के एक साथ सिक लीव पर जाने के बाद एयरलाइंस की 70 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं. एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता के मुताबिक, केबिन क्रू के कई मेंबर्स ने आखिरी समय में बीमार होने की सूचना दी है.
Air India Express crisis: एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा कि केबिन क्रू मेंबर्स की कमी के कारण 70 से अधिक फ्लाइट्स को रद्द कर दिया है. कहा गया है कि क्रू के कई मेंबर्स ने आखिर समय में खुद के बीमार होने की सूचना दी. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की. प्रवक्ता ने बताया कि हमारे केबिन क्रू के कई मेंबर्स ने मंगलवार रात को आखिरी मिनट में बीमार होने की सूचना दी, जिसके बाद कई फ्लाइट्स में देरी हुई और कई रद्द कर दी गईं.
प्रवक्ता ने कहा कि हम केबिन क्रू मेंबर्स की बीमारी के पीछे के कारणों को समझने के लिए क्रू के साथ बातचीत कर रहे हैं. हमारी टीमें एक्टिव होकर इस संबंध में जानकारी जुटा रही है, ताकि हम अपने कस्टमर्स और सर्विस को निर्बाध रूप से जारी रख सकें.
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने असुविधा के लिए मांगी माफी
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि हम अचानक आई इस संकट के लिए अपने कस्टमर्स से ईमानदारी से माफी मांगते हैं. इस बात पर भी जोर देते हैं कि जो स्थिति सामने आई है, इससे कही बेहतर हमारी सर्विसेज हैं, जिसे हम डिलीवर करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि फ्लाइट्स के कैंसिल होने के बाद कस्टमर्स को रिफंड दिया जाएगा या फिर अगर वे अपनी यात्रा को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो भी ऐसी स्थिति में उनके रिक्वेस्ट को स्वीकार किया जाएगा. आज हमारे साथ टेकऑफ करने वाले कस्टमर्स से अपील है कि वे एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले ये देख लें कि कहीं उनकी फ्लाइट रद्द तो नहीं है.
एयर इंडिया एक्सप्रेस क्रेबिन क्रू यूनियन ने लगाया था ये आरोप
एयर इंडिया एक्सप्रेस केबिन क्रू का प्रतिनिधित्व करने वाले एक यूनियन ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि एयरलाइन का मैनेजमेंट मिसमैनेज्ड है. आरोप में ये भी कहा गया था कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जाता है. एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी यूनियन (AIXEU) ने आरोप लगाया था कि मामलों के मिसमैनेज्ड होने से कर्मचारियों के मनोबल पर भी असर पड़ा है.