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'वक्फ बिल गवाह, आप मुस्लिमों के दुश्मन,' संशोधन पर लोकसभा में भड़के असदुद्दीन ओवैसी

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर संसद में हंगामा बरपा है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है, 'ये जो बिल पेश हो रहा है, वह बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है.' अखिलेश यादव और विपक्षी नेताओं के आरोपों पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि बिल का दखल, धार्मिक ढांचे में नहीं है.

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Edited By: India Daily Live
AIMIM Asaduddin Owaisi
Courtesy: Sansad TV

ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध जताया है. AIMIM सांसद ने कहा है कि यह बिल, संविधान के मूल सिद्धांतों का हनन करता है और इस्लाम विरोधी है. उन्होंने कहा है कि यह बिल भेदभाव वाला है और यह मुस्लिमों का हक छीन रही है. इस बिल से देश का बंटवारा हो जाएगा. विपक्ष की आशंकाओं के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि यह बिल, किसी के खिलाफ नहीं है, किसी भी धार्मिक प्रावधान में दखल नहीं देता है.

अदसदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा, 'वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024, संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 का उल्लंघन है. यह बिल, विभाजनकारी और अराजक है.' 

'आप मुस्लिमों को इबादत से रोक रहे हैं'

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'यह बिल लाकर आप देश को विभाजित कर रहे हैं, जोड़ नहीं रहे हैं. यह बिल गवाह है कि आप मुस्लिमों के दुश्मन हैं. यह बोर्ड बताता है कि कैसे मुस्लिम अपनी संपत्तियों को नियंत्रित करते हैं. आपके कानून के बाद हम मुसलमान, अल्लाह शुभानतुल्लाह के नाम पर संपत्ति नहीं दे सकेंगे. आप मुझे इबादत करने से रोक रहे हैं.'

'आप वक्फ-अलल-औलाद रोक रहे हैं'

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'वक्फ-अलल-औलाद को आप प्रतिबंधित कर रहे हैं, जो अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है. अगर कोई कल ये आकर बोलेगा कि मैं 5 साल से इस्लाम प्रैक्टिस नहीं कर रहा हूं कौन डिसाइड करेगा. नया कन्वर्ट है, क्या उसे अपनी संपत्ति के लिए 5 साल इंतजार करना होगा. क्या यह धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार नहीं है.'

'आप हैं मुस्लिमों के खिलाफ'

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'हिंदू और सिख गुरुद्वारा कमेटी में कोई हिस्सा नहीं ले सकता. संशोधन के मुताबिक गैर मुस्लिम CWC और SWB में हिस्सा नहीं ले सकते. आप नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का हनन कर रहे हैं. एक मामले में वही व्यक्ति जज नहीं हो सकता है. अगर डीएम मुतवल्ली को आदेश देते हैं कि इस मस्जिद को सरकारी भवन बनाओ, अगर वह सुनने से इनकार करे तो यह सजा है. आप मुस्लिमों के खिलाफ हैं.'