'राम पसंद नाथूराम नहीं, मुसलमान ही क्यों साबित करे अपनी देशभक्ति', ओवैसी के बयान से मचा बवाल

Asaduddin Owaisi on Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है? या फिर पूरे देश के सभी धर्मों को मानने वाली सरकार है?

India Daily Live

Asaduddin Owaisi on Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शनिवार को हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल करते हुए कहा है, वो जानना चाहते हैं कि क्या केंद्र सरकार किसी खास समुदाय, धर्म की सरकार है या फिर पूरे देश की सरकार है. 

क्या पैगाम दे रही है सरकार ?

एआईएमआईएम प्रमुख ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इंडिया कोई कोई मजहबी देश नहीं है. ऐसे में सरकार 22 जनवरी को क्या पैगाम देना चाहती थी, क्या सरकार एक मजहब पर दूसरे मजहब को मानने वालों पर जीत का पैगाम दे रही थी. और क्या हमारा संविधान इसकी अनुमति देता है? 

मुसलमानों हमेशा चुकानी पड़ी है बड़ी कीमत

असदुद्दीन ओवैसी यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि इस लोकसभा में 1949, 1986, 1992 और 2019 में एक खास समुदाय के साथ धोखा हुआ. उन्होंने आगे कहा कि भारत का नागरिक होने के लिए मुसलमानों हमेशा बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. सवाल पूछते हुए कहा कि क्या वो बाबर, औरंगजेब, या फिर जिन्ना के प्रवक्ता हैं क्या?

भगवान राम की इज्जत लेकिन गोडसे से नफरत

केंद्र पर तीखा हमला करते हुए AIMIM सांसद ने कहा कि वो भगवान राम की इज्जत करते हैं, लेकिन नाथूराम गोडसे से नफरत करते हैं, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की जिसके अंतिम शब्द थे 'हे राम'.

ओवैसी को निशिकांत दुबे टोका

इस दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बीच में ओवैसी को रोकते हुए पूछा कि क्या बाबर को वो आक्रमणकारी मानते हैं?  इस पर बीजेपी सांसद से उल्टा सवाल पूछते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि 'पुष्यमित्र शुंग को आप क्या मानते हैं? मुझसे आप महात्मा गांधी के बारे में पूछते, जलियांवाला बाग के बारे में सवाल करते. हम अपनी पहचान नहीं मिटने देंगे और वो काम नहीं करेंगे जो बीजेपी हमसे कराना है. मैं वहीं काम करूंगा जो संविधान के दायरे है.