Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है और इसके साथ ही नेताओं के एक-दूसरे पर वार-प्रतिवार का दौर भी शुरू हो गया है. जहां सत्ता पक्ष विपक्ष के नाकारा होने का दम भरता है तो वहीं पर विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी दल पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाती नजर आती है.
इस दौरान कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है जब किसी राजनीतिक दल का कोई नेता दूसरे राजनीतिक दल के मुखिया पर टिप्पणी करते हुए मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ जाता है. ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल में भी देखने को भी मिला है जहां पर बीजेपी नेता और सासंद दिलीप घोष की टिप्पणी से बवाल हो गया है.
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद दिलीप घोष ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए विवाद खड़ा कर दिया. घोष ने ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि पहले वो यह कर लें कि उनके पिता कौन थे.
मेदिनीपुर से बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने यह बयान 2021 चुनावों के लिए टीएमसी के नारे, “बांग्ला निजेर मेयेकेई चाय” (बंगाल अपनी बेटी चाहता है) का जिक्र करते हुए दिया. उन्होंने कहा,'जब दीदी (ममता बनर्जी) गोवा जाती हैं, तो वह खुद को गोवा की बेटी कहती हैं. जब वह त्रिपुरा जाती हैं तो कहती हैं कि वह त्रिपुरा की बेटी हैं. उन्हें पहले अपने पिता की पहचान करनी चाहिए.'
दिलीप घोष के इस बयान के बाद, तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार किया और कहा कि वो "नैतिक दिवालियापन" का शिकार हो गए हैं और उन्हें "राजनीतिक नेतृत्व के नाम पर अपमान" बताया.
पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'मां दुर्गा की वंशावली को चुनौती देने से लेकर अब श्रीमती @MamataOfficial की वंशावली पर सवाल उठाने तक,वह नैतिक दिवालियापन की सबसे गंदी गहराइयों में डूब गए हैं. घोष के मन में "बंगाल की महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है, चाहे वह हिंदू धर्म की प्रतिष्ठित देवी हों या भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हों.'
वहीं टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी बीजेपी सांसद के बयान की निंदा की और कहा कि वो बीजेपी की ओर से दरकिनार किए जाने के चलते अपनी हताशा और असुरक्षा को ऐसे बयानों के जरिए बाहर निकाल रहे हैं. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष को उनकी मौजूदा सीट मेदिनीपुर के बजाय बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया है.
पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने भी घोष से माफी की मांग की और कहा कि उनकी टिप्पणी से 'बीजेपी की महिला विरोधी सोच की बू आती है.' इतना ही नहीं टीएमसी नेता सुष्मिता देव ने इस मुद्दे पर NCW (राष्ट्रीय महिला आयोग) की चुप्पी पर सवाल उठाया.
देव ने एक्स पर एआईटीसी हैंडल द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा,'@दिलीप घोष की भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री के बारे में अपमानजनक टिप्पणी हमारे देश की संस्कृति के खिलाफ है. एक बीजेपी नेता की ऐसी घृणित टिप्पणियों के सामने @NCWIndia क्यों चुप है?'
उल्लेखनीय है कि टीएमसी ने इस पूरे मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत भी दर्ज कराई है और इसे आदर्श आचार संहिता का मामला बनाकर उठाया है.