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'वक्फ के बाद बीजेपी ने पद्मनाभस्वामी मंदिर के सोने पर नजर गड़ा दी है', महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष का दावा

शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दी, जिसे संसद ने पिछले सप्ताह पारित किया था. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई मुस्लिम संगठनों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है.

Imran Khan claims

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने रविवार को सनसनीखेज आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक के जरिए वक्फ जमीन हड़पने के बाद अब पद्मनाभस्वामी मंदिर के सोने पर नजर गड़ा दी है.

वक्फ बोर्ड का इतिहास
सपकाल ने कहा, "जब अंग्रेजों ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने का फैसला किया, तब मांग उठी कि जमीन अधिग्रहण के दौरान पूजा स्थलों को सुरक्षित रखा जाए. इसके लिए 1913 में पुनर्वास अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड बनाया गया. इसका मकसद सभी धर्मों के पूजा स्थलों—मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे—को विशेष अधिकार देना था." उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक पारित कर इन जमीनों पर कब्जा करना चाहती है.

मंदिर के सोने पर दावा
उन्होंने आगे कहा, "वे पद्मनाभस्वामी मंदिर में मौजूद भारी मात्रा में सोना हड़पना चाहते हैं." तिरुवनंतपुरम का यह मंदिर श्री वैष्णव परंपरा में भगवान विष्णु का पवित्र धाम माना जाता है.

विधेयक पर विवाद
शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दी, जिसे संसद ने पिछले सप्ताह पारित किया था. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई मुस्लिम संगठनों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी दावा किया कि बीजेपी ने इस विधेयक के जरिए ईसाइयों की संपत्तियों पर नजर डालने की मिसाल कायम की है.

बीजेपी का जवाब
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सफाई दी कि सरकार वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण नहीं चाहती. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड को संचालित करने वाले नियमों का पालन करें. आपको नियमों के मुताबिक काम करना होगा." नड्डा ने जोड़ा, "हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति और धन का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ाने में हो."

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