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लोकसभा चुनाव से मिल गया सबक, अब विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र भाजपा ने की ये तैयारी

लोकसभा चुनाव में भाजपा को महाराष्ट्र में जिस करारी हार का सामना करना पड़ा, विधानसभा चुनाव में यही स्थिति न बन जाए इसके लिए भाजपा में मंथन शुरू हो गया है. भाजपा ने राज्य के नाराज किसानों, मराठाओं, दलितों को मनाने और उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में उन्हें बताने के लिए कमेटियां बनाने का फैसला लिया है.

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Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में जो हाल हुआ वैसा ही हाल विधानसभा के चुनाव में न हो इसके लिए बीजेपी ने गोलबंदी करनी शुरू कर दी है. हाल ही में महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और केंद्रीय मंत्री और मुंबई नॉर्थ से सांसद बने पीयूष गोयल ने हिस्सा लिया. बैठक में इन नेताओं ने कैटर को प्रोत्साहित करने की कोशिश की साथ ही मतदाताओं से वन-टू-वन बातचीत करने और उनकी समस्याओं को सुनने पर जोर दिया.

'चिंता की जरूरत नहीं, हम वापसी करेंगे'

सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी अपने सिर लेने वाले डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि हमने खराब प्रदर्शन जरूर किया है लेकिन सत्ताधारी महायुति और विपक्ष महा विकास अघाड़ी (MVA) ब्लॉक के वोट प्रतिशत में केवल 0.3 प्रतिशत का ही अंतर है. फडणवीस ने कहा, 'हम इस अंतर को आसानी से पाट सकते हैं. यही नहीं हम अपने वोट शेयर को 1.5% बढ़ा भी सकते हैं. हम विधानसभा चुनाव जरूर जीतेंगे. हमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. हम वापसी करेंगे.' बता दें कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को 43.6 प्रतिशत और एमवीए को 43.9 प्रतिशत वोट मिले थे.

मतदाताओं को समझने के लिए समिति होगी गठित

राज्य में अपनी स्थिति में सुधारने और मतदाताओं की प्रतिक्रिया पर विचार करने और जिलेवार चुनाव के परिणामों का विश्लेषण करने के लिए भाजपा ने पूर्व केंद्री मंत्री भागवत कराड की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है. बावनकुले ने कहा, 'हमें लोगों तक पहुंचकर और संविधान और मराठा आरक्षण मुद्दे पर अपना पक्ष रखकर विपक्ष के दुष्प्रचार का प्रभावी ढंग से मुकाबला करना होगा.' 

दलितों को मनाने के लिए चलाए जाएंगे कार्यक्रम

बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के 'संविधान बचाओ' नारे ने लोगों को विशेष तौर पर दलितों जो राज्य की आबादी का 13.5% हैं, को प्रभावित किया है. पार्टी से छिटककर दूर चले गए दलित वोटर को फिर से भाजपा से जोड़ने के लिए बीजेपी के कार्यकर्ता संविधान के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे और दलित समुदाय से जुड़ने की कोशिश  करेंगे. भाजपा के सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के चीफ रामदास आठवले ने भी इस योजना का समर्थन किया है.

'हमने अंबेडकर मेमोरियल बनाया, दलितों को हम ये बताएंगे'

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल (2014-19) के बीच लंदन में डॉ. बी आर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किया गया. इसके अलावा दादर के इंदू मिल में बन रहा अम्बेडकर मेमोरियल भी इस बात का प्रतीक है कि हम दलितों के खिलाफ नहीं हैं. लोगों को इस मेमोरियल की याद दिलाकर हम विपक्ष के द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का पर्दाफाश करेंगे. हम दलित उत्थान के लिए केंद्र और राज्य की सामाजिक कल्याण योजनाओं के बारे में लोगों को बताएंगे.

मराठाओं और किसानों को मनाने की कोशिश
मराठा पहेली और किसानों के खोए भरोसे को दोबारा जीतना भी बीजेपी के लिए एक चुनौती बना हुआ है. महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की आबादी 33% है. मराठाओं को मनाने के लिए राज्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया है.

हमने मराठाओं के लिए आरक्षण लागू किया

पाटिल ने सुझाव दिया है कि पार्टी के नेताओं और विधायकों का एक समूह प्रत्येक जिले में जाकर मराठा संगठनों से बात करेगा. सूत्रों के मुताबिक पाटिल ने कहा, 'हम इस तथ्य को लोगों को बताएंगे कि देवेंद्र फडणवीस के शासनकाल में 2018 मे हमने मराठाओं को आरक्षण दिया था जिसे  सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित करते हुए उसे खारिज कर दिया था क्योंकि उद्धव ठाकरे नीत MVA सरकार कानूनी रूप से इसका बचाव नहीं कर सकी थी. हम लोगों को इस बात की भी याद दिलाएंगे कि एकनाथ शिंदे सरकार ने इस साल की शुरुआत में मराठाओं को आरक्षण दिया था.'

मराठाओं को शिक्षा में कोटे का मिल रहा फायदा

बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी मराठाओं को शिक्षा में मिलने वाले कोटा के लाभ के बारे में भी उन्हें बताएगी. उन्होंने कहा, 'हम मराठाओं को बताएंगे कि विपक्ष हमें मराठा विरोधी बताकर हमारी छवि को खराब किया है जिसे बातचीत के माध्यम से रोकने की जरूरत है.'

जातिगत गणित सुधारने में जुटी बीजेपी

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी राज्यभर में ओबीसी, दलित और मराठाओं को सशक्त बनाकर अपने जातिगत गणित को भी सही करने की दिशा में काम कर रही है.

क्या बीजेपी के हाथ से जा रहा उसका गढ़ विदर्भ, मराठावाड़ा और नॉर्थ महाराष्ट्र

इसके अलावा भाजपा अपने गढ़ विदर्भ, मराठावाड़ा और नॉर्थ महाराष्ट्र पर भी करीब से नजर रखे हुए है, जहां फसलों के दाम गिरने के कारण और त्वरित राहत न मिलने के कारण किसानों में रोष है जिसका असर हाल ही के लोकसभा चुनाव में भी दिखा.

किसानों के एक नेता विजय जावंदिया ने कहा, 'केंद्र और राज्य किसी की भी योजनाओं में किसानों के मुद्दे नहीं हैं, जिससे किसान नाराज हैं और इसका नतीजा लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला.'

सोयाबीन की कीमतों में गिरावट का असर बीजेपी को विदर्भ में देखने को मिला. इसके अलावा प्याज के निर्यात पर केंद्र के ढुलमुल रवैये और दाल की कीमतों में गिरावट के कारण मराठावाड़ा और नॉर्थ महाराष्ट्र में भी बीजेपी को कम सीटें मिलीं. इन तीनों क्षेत्रों में विधानसभा कि कुल 288 सीटों में से 145 सीटें आती हैं.