menu-icon
India Daily

Mumbai Sucide Case: मुंबई में पत्नी से परेशान होकर शख्स ने किया सुसाइड, बेटे की मौत पर मां ने किया भावुक पोस्ट

अतुल सुभाष केस सामने आने के बाद से लगातार वैवाहिक विवादों में पुरुषों के खिलाफ कानून के दुरुपयोग को लेकर एक बहस चल पड़ी है. मुंबई में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है.

 Mumbai man ends life
Courtesy: Social media

पत्नी से परेशान होकर मुंबई के विले पार्ले के एक होटल में 28 फरवरी को निशांत त्रिपाठी नाम के शख्स का शव बरामद हुआ था. खुद को फांसी लगाने से पहले उन्होंने होटल रूम के बाहर 'डू नॉट डिस्टर्ब' का साइनबोर्ड लटका दिया था. सुसाइड करने से तीन दिन पहले ही तीन दिन पहले उन्होंने होटल में चेक इन किया था. अतुल सुभाष के मामले के सामने आने के बाद लगातार वैवाहिक विवादों में पुरुषों के जेंडर न्यूट्रल कानूनों की कमी पर बहस छिड़ी हुई है. 

बेटे की मौत के बाद निशातं की मां निलिमा चतुर्वेदी जो एक महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं. उन्होंने एक इमोशनल पोस्ट लिखा है. फेसबुक पर लिखे गए लंबे पोस्ट में अपना दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि मैं आज एक जीवित लाश की तरह महसूस कर रही हूं. नीलिमा ने बेटे के सुसाइड नोट के सामने आने के बाद अपनी बहू अपूर्वा पारिख और उसकी एक मौसी प्रार्थना मिश्रा के खिलाफ शिकायत कराई है.

आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए

निशांत त्रिपाठी ने अपने सुसाइड नोट में पत्नी पर प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए कहा कि वो उसे सुसाइ़ड करने के लिए उकसा रही हैं. पुलिस ने अभी तक इस संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं की है. इस मामले पर मुंबई डीसीपी मनीष कलवानिया ने बताया कि पीएस एयरपोर्ट की सीमा में स्थित एक होटल में एक शव मिला. भारतीय न्याय संहिता 108 के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मृतक की उम्र 41 साल है और वो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. पिछले कुछ समय से वह मुंबई में रह रहा था. उसकी मां की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है.

मां ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?

निशांत की मां ने कहा कि मेरे बेटे को मेरा अंतिम संस्कार करना था, लेकिन आज मैंने 2 मार्च को उसका अंतिम संस्कार किया है. मेरी बेटी प्राची ने अपने बड़े भाई की अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की. मेरी बेटी और मुझे हिम्मत दें कि हम इस बड़े वज्रपात को सहन कर सकें. उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर अपने काम के बारे में बताते हुए कहा कि जब वो 18 साल की थीं तब उसे गिरफ्तार किया था. सखी केंद्र और अन्य तरीकों से हमने 46000 पीड़ित महिलाओं की मदद की. 37000 से ज्यादा महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद की. इसके अलावा उन्होंने हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार और प्रशिक्षण प्रदान किया.