Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक और विवादास्पद फैसले पर कड़ा रुख अपनाया है. मामला बलात्कार के एक आरोपी को जमानत देते समय की गई असंवेदनशील टिप्पणी से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए अगली सुनवाई चार हफ्ते के बाद तय की है.
11 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिल्ली में एक PG छात्रा के साथ कथित बलात्कार के आरोपी निश्चल चांडक को जमानत दी. अपने फैसले में उन्होंने लिखा कि पीड़िता, जो पेइंग गेस्ट के रूप में रह रही थी, अपने दोस्तों के साथ रेस्टोरेंट में सुबह 3 बजे तक शराब पी रही थी और "बहुत नशे में" थी. जज ने कहा, "चूंकि उसे सहारे की जरूरत थी, इसलिए वह खुद ही आवेदक के घर जाकर आराम करने के लिए तैयार हो गई.'
लड़की ने मुसीबत को खुद न्योता दिया: न्यायमूर्ति सिंह
न्यायमूर्ति सिंह ने यह भी टिप्पणी की: "अगर पीड़िता के आरोप को सच मान भी लिया जाए, तो भी यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उसने खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया. इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार भी है.' उन्होंने दावा किया कि पीड़िता का बलात्कार का आरोप "झूठा है'
सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई ने इस टिप्पणी पर सख्त नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा, "जमानत दे दी जाए, लेकिन इस तरह की टिप्पणी क्यों की जाए... ? एक न्यायाधीश को बहुत सावधान रहना चाहिए. जस्टिस गवई ने यह भी उल्लेख किया, "एक अन्य मामले में भी, इसी अदालत के एक अन्य न्यायाधीश ने कथित बलात्कार के एक मामले में जमानत देते हुए कुछ ऐसा ही कहा था., उस न्यायाधीश ने कहा कि एक महिला ने 'खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया था और वह इसके लिए जिम्मेदार भी थी.' प्रधान पब्लिक प्रोसेक्यूटर तुषार मेहता ने कहा, "न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए. एक आम आदमी यह समझेगा कि न्यायाधीश कानूनी बारीकियों से परिचित नहीं हैं.'
पहले भी विवादों में रहा हाईकोर्ट
यह पहली बार नहीं है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला विवादों में घिरा हो. हाल ही में 17 मार्च को न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने एक अन्य मामले में कहा था कि "स्तनों को पकड़ना बलात्कार का प्रयास नहीं है.' सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था, "हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि यह निर्णय जज की ओर से संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है.'