ED-CBI के बीच ये कौन सी नई एजेंसी है जिसने जब्त की सोनिया-राहुल की कंपनी की संपत्ति, जानें क्या है पूरा मामला
Adjudicating Authority ED: कांग्रेस की ओर से प्रचारित नेशनल हेराल्ड अखबार से संबंधित 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की की पुष्टि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने की है.
Adjudicating Authority ED: पीएमएलए के तहत एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने कांग्रेस की ओर से प्रचारित नेशनल हेराल्ड अखबार से संबंधित 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की की पुष्टि की. ईडी ने नेशनल हेराल्ड प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और अखबार के मालिक यंग इंडियन के खिलाफ पीएमएलए मामले में साल 2023 में इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था. यंग इंडियन को सोनिया गांधी और राहुल गांधी नियंत्रित करते हैं. दोनों के पास 38-38 फीसदी शेयर हैं.
पीएमएलए की धारा 5 में कानून की अनुसूची में सूचीबद्ध किसी भी अपराध के मामले में किसी भी संपत्ति की कुर्की का प्रावधान है, जिसके बारे में संदेह है कि इसे अपराध की आय से अर्जित किया गया है. ईडी की ओर से कुर्की के आदेश तब जारी किया जाता है जब ईडी के डायरेक्टर को लगता है कि अपराध की ऐसी आय को छुपाया जा सकता है, स्थानांतरित किया जा सकता है या किसी भी तरीके से निपटाया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप अपराध की ऐसी आय को जब्त करने से संबंधित कोई भी कार्यवाही विफल हो सकती है.
आदेश के बाद क्या है आगे की प्रक्रिया
यह आदेश 6 महीने के लिए वैलिड होता है. इस समय सीमा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त की गई एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा इसकी पुष्टि की जानी चाहिए, ऐसा नहीं करने पर संपत्ति कुर्की से मुक्त हो जाती है. आरोपी तब तक इस संपत्ति का आनंद ले सकता है जब तक कि न्यायनिर्णयन प्राधिकारी कुर्की की पुष्टि नहीं कर देता जिसके बाद ईडी के पास कब्जे का दावा करने की शक्ति होती है. हालांकि, यह काफी हद तक एक प्रक्रियात्मक कदम है, क्योंकि पीएमएलए के तहत शायद ही कोई ऐसा अनुलग्नक है जिसकी निर्णायक प्राधिकरण ने अब तक पुष्टि करने से इनकार कर दिया है.
कुर्की की पुष्टि के बाद क्या होता है अगला कदम?
एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा कुर्की की पुष्टि के बाद आरोपी को 45 दिनों के भीतर पीएमएलए के अपीलीय न्यायाधिकरण में निर्णय प्राधिकारी के पुष्टिकरण आदेश को चुनौती देने का अधिकार है. अपीलीय न्यायाधिकरण की ओर से आदेश की पुष्टि किए जाने के बाद आरोपी उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है. मुकदमा पूरा होने तक यह मालिक की सीमा से बाहर रहेगी. अंतिम पुष्टि के बाद, आवासीय संपत्ति के मामले में ईडी मालिक को अपने सामान के साथ परिसर खाली करने के लिए कहेगा और फिर कब्जा ले लेगा.
कुर्क किए गए वाहनों का क्या होता है
इस दौरान जो भी वाहन संलग्न किए जाते हैं उन्हें केंद्रीय भंडारण निगम के स्वामित्व वाले गोदामों में भेजा जाता है. यहां वाहनों को रखने के लिए ईडी की ओर से पार्किंग के लिए भुगतान किया जाता है. कई बार ऐसा देखा गया है कि सालों तक मामला खिंचता जाता है और वाहन वहां पड़े-पड़े सड़ जाते हैं. इसके बाद जब मुकदमा खत्म होता तब न तो आरोपी और न ही ईडी को जब्त किए गए वाहन से कोई लाभ मिलता है. कई बार ऐसा होता है कि जांच एजेंसी को वाहन के मूल्य से अधिक पार्किंग का किराया देना पड़ता है.