बंगाल में विलेन बन गए अधीर रंजन? गठबंधन में टूट के लिए TMC ने चौधरी को बताया जिम्मेदार
पिछले दिसंबर में इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में, तृणमूल ने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस को लगभग 300 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जहां उसका सीधा मुकाबला भाजपा से है. बाकी सीटों पर टीएमसी ने प्रस्ताव दिया कि कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों को समर्थन देना चाहिए.
Adhir Ranjan became villain in Bengal: पश्चिम बंगाल में I.N.D.I.A गठबंधन में टूट के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कांग्रेस बंगाल चीफ अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदारी ठहराया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीएमसी के राज्यसभा नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि बंगाल में गठबंधन टूटने के तीन कारण हैं- अधीर, अधीर और अधीर. उन्होंने कहा कि अधीर रंजन चौधरी के विचार भाजपा के समान हैं. उन्होंने कहा कि आवाज तो उनकी है लेकिन वो जो कुछ बोलते हैं, उसके बोल दिल्ली में दो लोगों के होते हैं. ओ'ब्रायन ने ये भी कहा कि टीएमसी इंडिया ब्लॉक नहीं छोड़ रही है. हम अब भी मानते हैं कि हमें संविधान की रक्षा के लिए लड़ने की ज़रूरत है. हमें संघीय अधिकारों के लिए लड़ने की जरूरत है. भाजपा हमारी प्रमुख दुश्मन बनी हुई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीएमसी ने कांग्रेस से कहा है कि बंगाल में गठबंधन के पतन के लिए अकेले चौधरी जिम्मेदार हैं. टीएमसी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि पटना में गठबंधन की पहली बैठक के मौके पर राजद के संरक्षक लालू प्रसाद ने भी कांग्रेस को चौधरी पर लगाम लगाने को कहा था. कांग्रेस की ओर से ये भी कहा गया कि पिछले साल 23 जून को इंडिया ब्लॉक की स्थापना के 200 से अधिक दिनों के बाद भी कांग्रेस ने सीट बंटवारे पर बातचीत पूरी नहीं की है.
TMC के एक और नेता ने चौधरी को बताया विलेन
जब ममता बनर्जी ने घोषणा की कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में टीएमसी पश्चिम बंगाल में सभी 42 सीटों पर अकेली चुनाव लड़ेगी. इस घोषणा के बाद कांग्रेस की ओर से कहा गया कि हम ममता बनर्जी के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन टीएमसी की ओर से कहा गया कि कई बार चेतावनी के बाद भी कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी पर लगाम लगाने में विफल रही. टीएमसी के नेता ने ये सारी बातें नाम न छापने की शर्त पर बताई. टीएमसी नेता ने ये भी कहा कि बंगाल में इंडिया गठबंधन में टूट के लिए अधीर रंजन चौधरी ही जिम्मेदार हैं.
खड़गे ने I.N.D.I.A ब्लॉक को बचाने के लिए ममता से की बात
उधर, कांग्रेस के सीनियर नेता ने बताया है कि I.N.D.I.A गठबंधन को बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे ने ममता बनर्जी से बात की है. दोनों नेताओं ने सीट-बंटवारे के गतिरोध और राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर बात की. बता दें कि राहुल गांधी की यात्रा पश्चिम बंगाल पहुंच चुकी है.
कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की. हम आगे का रास्ता खोज लेंगे. उन्होंने बंगाल में सबसे बड़े राजनीतिक नेता के रूप में ममता बनर्जी की सराहना की और कहा कि अगर वे बंगाल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होती हैं तो मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी खुश होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस जारी गतिरोध को हल करने के लिए हमारी पार्टी और ममता बनर्जी की पार्टी के टॉप नेताओं के बीच बातचीत के लिए एक बैठक आयोजित करने का प्रयास करेगी.
बंगाल में अब तक क्या हुआ?
सबसे पहले 23 जनवरी को खबर आई कि बंगाल कांग्रेस चीफ अधीर रंजन का कहना है कि हमारी पार्टी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी. मंगलवार को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए उन्हें अवसरवादी बताया. चौधरी ने कहा कि कांग्रेस, उनके (टीएमसी) सहयोग के बिना ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी. बंगाल कांग्रेस चीफ अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि हम ममता की मदद से चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस जानती है कि अपने बल पर कैसे लड़ना है और ममता बनर्जी को याद रखना चाहिए कि कांग्रेस के समर्थन से ही वह बंगाल में सत्ता में आई थीं.
20 जनवरी को भी अधीर ने टीएमसी पर साधा था निशाना
बता दें कि शनिवार को भी पश्चिम बंगाल कांग्रेस चीफ चौधरी ने इंडिया ब्लॉक पार्टनर तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि इससे पहले हमारी पार्टी टीएमसी को चुनाव हरा चुकी है. अधीर रंजन चौधरी की ये टिप्पणी उन खबरों के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि तृणमूल कांग्रेस यानी TMC पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है.
जनवरी के पहले सप्ताह में चौधरी ने कही थी ये बात
इससे पहले जनवरी के पहले सप्ताह में, अधीर चौधरी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर ममता की आलोचना की थी. उस दौरान उन्होंने उन खबरों पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें कहा गया था कि तृणमूल ने बंगाल में कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सीटों के लिए भीख नहीं मांगेगी. बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के साथ इंडिया ब्लॉक गठबंधन का हिस्सा है.
24 जनवरी को ममता ने किया अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
विपक्षी गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी ने अधीर के बयान के एक दिन बाद बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया. ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि 2024 आम चुनाव में पार्टी अकेले बंगाल की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि लोकसभा चुनाव के लिए उनकी ओर से गठबंधन में शामिल पार्टियों को सीट बंटवारे पर प्रस्ताव दिया गया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
साथ ही, ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई. मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे. मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि गठबंधन में क्या होगा? हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और इसलिए बंगाल में हैं. उन्होंने दावा किया कि हम अकेले ही बीजेपी को हरा देंगे. ममता ने कहा कि मैं I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा हूं. राहुल गांधी की न्याय यात्रा हमारे राज्य से गुजर रही है, लेकिन हमें इसके बारे में सूचित नहीं किया गया है.
टीएमसी ने चुनाव को लेकर ये सुझाव भी दिया
तृणमूल कांग्रेस चीफ ने क्षेत्रीय दलों को अपने-अपने क्षेत्रों में भाजपा से मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि सुझाव दिया कि कांग्रेस 300 सीटों पर भाजपा से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करे. बनर्जी ने कहा कि हमने पहले ही कहा है कि क्षेत्रीय दलों को अपने क्षेत्र में भाजपा से मुकाबला करने दें और कांग्रेस को 300 सीटों पर भाजपा से लड़ने दें. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की भूमिका पर खुलकर सवाल उठाते हुए विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व और एकता पर भी सवाल उठाए.
सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिसंबर में इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक में, तृणमूल ने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस को लगभग 300 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जहां उसका सीधा मुकाबला भाजपा से है. बाकी सीटों पर टीएमसी ने प्रस्ताव दिया कि कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों को समर्थन देना चाहिए. बैठक के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गठबंधन के सभी सदस्य दल सीट बंटवारे पर मिलकर काम करेंगे.