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Punjab: पंजाब में AAP विधायक ने पोस्ता की खेती और अफीम बिक्री की उठाई मांग, जानें क्या दी दलीलें?

Opium Cultivation in Punjab: पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान AAP विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने अफीम और पोस्त की खेती खोलने की मांग की है. पंजाब विधानसभा में बोलते हुए विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा कहा कि पंजाब में युवाओं को सिंथेटिक नशे से दूर करने के लिए अफीम और पोस्त की खेती जरूरी है.

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Edited By: India Daily Live
Opium Cultivation in Punjab

Opium Cultivation in Punjab: आप विधायकों ने पंजाब में पोस्ता की खेती और अफीम की बिक्री की जमकर वकालत की है. पंजाब विधानसभा सत्र में AAP विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने अफीम और पोस्त की खेती और ठेके खोलने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी को अफीम और पोस्त के नशे से मरते नहीं देखा जबकि सिंथेटिक नशे से युवाओं की मौत हो रही है. पंजाब में युवाओं को सिंथेटिक नशे से दूर करने के लिए अफीम और पोस्त की खेती बेहद जरूरी है. ज्यादातर सभी पार्टियों के विधायक इसके पक्ष में हैं. भले ही वह खुलकर न बोलें.

यह मुद्दा सबसे पहले प्रश्नकाल के दौरान उठा जब सनौर से आप विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां से पूछा कि क्या सरकार सिंथेटिक दवाओं पर रोक लगाने के लिए पंजाब में पोस्ता की खेती करने का इरादा रखती है और यदि हां तो यह कब तक होने की संभावना है? 

AAP विधायक के सवाल पर सदन ठहाकों की गूंज 

इस सवाल पर स्पीकर कुलतार सिंह संधवान और पूरा सदन में हंसी के ठहाकों से गूंज उठा. जिसके बाद कृषि मंत्री ने जवाब दिया कि राज्य में पोस्ता की खेती का कोई प्रस्ताव नहीं है. इस दौरान कृषि मंत्री ने हंसते हुए कहा कि विधायक ने एक ऐसा सवाल पूछा है जिसने यहां कई लोगों के चेहरे पर चमक ला दी है. मैं भी एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहा हूं जहां मुझे ऐसी चीजों की आवश्यकता हो सकती है. 

विधानसभा अध्यक्ष के बाद कृषि मंत्री ने विधानसभा में दिया बड़ा बयान 

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पहले पंजाब में अफीम की दुकानें थीं जो अब बंद हो चुकी हैं. उन्होंने कृषि मंत्री से कहा कि वे इस बारे में विधानसभा को सूचित करें. मंत्री के जवाब के बाद बोलते हुए विधायक पठानमाजरा ने कहा कि स्मैक और टेबलेट जैसे नशे ने पंजाब की जवानी को बर्बाद कर दिया है. 2007 के बाद स्थिति और खराब हो गई है और अब स्थिति ऐसी है कि पंजाब में 136 नशा मुक्ति केंद्र खुल गए हैं. पहले के समय में लोग पारंपरिक औषधियों का सेवन भी करते थे और अपना काम भी करते थे. कोई यह नहीं कह सकता कि उनके किसी परिचित की मृत्यु अफीम या पोस्ता भूसी के सेवन के कारण हुई. 

2020 से 2023 तक 266 लोगों की मौत

2020 से 31 मार्च 2023 तक सिंथेटिक ड्रग्स की लत के कारण लगभग 266 लोगों की मौत हो चुकी है. मार्च 2023 से मार्च 2024 तक 159 और लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया के कई देशों ने कुछ दवाओं को वैध कर दिया है और ये पारंपरिक हैं. राजस्थान और मध्य प्रदेश में पोस्ता की खेती पहले से ही हो रही है. अगर पंजाब में ऐसा किया गया तो इससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा.

विधायक पठान माजरा ने यहां तक ​​कहा कि अगर पोस्ता की खेती की इजाजत नहीं दी जा सकती तो कम से कम राज्य में दुकानें खोली जानी चाहिए ताकि पंजाब की जवानी को बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि विपक्ष भी इस विचार का समर्थन करता है लेकिन उपहास के डर से इस पर आवाज उठाने से डरता है. 

विधायक पठान माजरा को दूसरे AAP विधायक का मिला समर्थन 

विधायक पठान माजरा के तर्क का समर्थन करते हुए आप के एक अन्य विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर ने कहा कि ड्रग्स, विशेष रूप से सिंथेटिक, पिछले 15 वर्षों से पंजाब में सबसे बड़ी समस्या रही है और युवाओं को बहुत नुकसान पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि "मैं पोस्ता की खेती के संबंध में मेरे सहयोगी द्वारा उठाए गए बिंदु का पूरी तरह से समर्थन करता हूं. हमारे बुजुर्ग अफीम या पोस्त की भूसी खाते रहे हैं और खेत में हर तरह की मेहनत करते थे और इससे कोई नहीं मरता था. मैं सरकार से पोस्ता की खेती पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह करता हूं. कई डॉक्टर लकवे के दौरे के मरीजों को अफीम लिखते हैं." 

विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर ने समर्थन में कही बड़ी बात 

बाद में आप के तीसरे विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर ने भी राज्य में पोस्ता की खेती की इजाजत देने की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सिंथेटिक दवाओं के अत्यधिक सेवन के कारण कई माताओं ने अपने बेटों को खो दिया है. आप विधायक फौजा सिंह सरारी ने सदन को बताया कि जब ज्ञानी जैल सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे तब राज्य सरकार द्वारा राज्य में अफीम की दुकानों को बंद करने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई थी.