Arvind Kejriwal letter to RSS: दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले सियासी हलचल तेज हो गया है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पूरी तरह से एक्शन मोड़ में है. चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले ही अपने सभी उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है. वहीं दिल्ली में हर समुदाय के लोगों के लिए योजनाओं की घोषणा की जा रही है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने विपक्षी पार्टियों पर सवाल उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. कुल मिलाकर चुनावी संग्राम के लिए मैदान सजाया जा रहा है.
इसी क्रम में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख को मोहन भागवत को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में केजरीवाल द्वारा भागवत से 5 बड़े सवाल किए गए हैं. इन सवालों की हवाले से आप संयोजक ने देश की मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की है. इसी के साथ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई नीतियों पर सवाल उठाया है. साथ ही यह दावा किया है कि स्थिति ऐसी ही रही तो देश का लोकतंत्र खतरे में जा सकता है.
बीजेपी को संघ की जरूरत नहीं?
अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख से सीधे तौर पर पूछा कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा कहा गया था कि बीजेपी को संघ की जरूरत नहीं है. इस पर आप क्या कहेंगे?
ED और CBI के एक्शन पर सवाल
दूसरे सवाल में उन्होंने ED और CBI के एक्शन को लेकर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि क्या आपको नहीं लगता कि जांच एजेंसियों की धमकी देकर या फिर लालच देकर दूसरे पार्टी के नेताओं को तोड़ने की कोशिश की जा रही है? क्या जनता के पसंद द्वारा चुने गए सरकार को इस तरीके से गिराना सही है? क्या संघ उन्हें इसपर अपना सहयोग देता है?
भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में एंट्री
तीसरे सवाल में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कई नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भ्रष्ट कहा गया था, लेकिन उसके कुछ दिन बाद उन्हें बीजेपी में एंट्री मिल गई. क्या इन सारी बातों से RSS को दुख नहीं होता? क्या संघ ने ऐसी ही बीजेपी की कल्पना की थी?
RSS की जिम्मेदारी
आप संयोजक ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी को गलत काम करने से आपने कभी रोकने की कोशिश की? अगर बीजेपी गलत रास्ते गई तो सही रास्ता दिखाना आपकी (RSS) जिम्मेदारी है.
75 साल में रिटायरमेंट
वहीं अपने आखिरी सवाल में उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा 75 साल में रिटायरमेंट के नियम बनाए गए थे. जिसके तहत लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी रिटायर हुए थे. क्या यह कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी लागू होगा?