Mehul Choksi Extradition: पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी और फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को आखिरकार सात साल की कोशिशों के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया. बताया जा रहा है कि वह मेडिकल वजह बताकर स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश में था, तभी सीबीआई और ईडी जैसी भारतीय जांच एजेंसियों की अपील पर बेल्जियम पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.
भारत-बेल्जियम की 125 साल पुरानी संधि बनी सहारा
बता दें कि भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए जो कानूनी रास्ता अपनाया है, वो 125 साल पुरानी भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि पर टिका है. यह संधि सबसे पहले 1901 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी और बाद में इसमें कई बार संशोधन हुआ. 1954 में भारत की स्वतंत्रता के बाद दोनों देशों ने इसे जारी रखने का फैसला किया.
क्या कहती है ये संधि?
CBI ने किन धाराओं में किया प्रत्यर्पण का अनुरोध
हालांकि, CBI ने आईपीसी की धारा 120B, 201, 409, 420, 477A और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 के तहत चोकसी के खिलाफ औपचारिक अनुरोध भेजा है. एक अधिकारी ने बताया, ''बेल्जियम सरकार ने हमारे सबूतों से संतुष्टि जताई और माना कि ये उनके देश में भी अपराध हैं.''