30-30 लोगों के ग्रुप में घुसे उग्रवादी, फिर मणिपुर को दहलाने की साजिश? इस तारीख को अलर्ट जारी
मणिपुर में म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की खबर आ रही है. सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि घुसपैठ उग्रवादी ड्रोन बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड हैं. ये 30-30 लोगों के ग्रुप में हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में छिपे हुए हैं.
मणिपुर में म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ की खबर सामने आई है. यह जानकारी राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कल यानी शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी पुष्टी की है. उन्होंने कहा है कि पिछले तीन-चार दिनों से उग्रवादियों की आवाजाही की खबरें मिल रही है. सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि घुसपैठ उग्रवादी ड्रोन बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और गोरिल्ला युद्ध में ट्रेंड हैं. ये 30-30 लोगों के ग्रुप में हैं और अलग-अलग क्षेत्रों में छिपे हुए हैं.
वहीं दूसरी ओर इंफाल पूर्वी जिले में बीते शुक्रवार को एक संदिग्ध बदमाशों ने मणिपुर के मंत्री एल. सुसिंदरो के पर्सनल असिस्टेंट की पहचान 43 साल के सारंगथेम सोमरेंड्रो के रूप में हुई है. पुलिस ने कहा कि अपहरणकर्ताओं ने कई राउंड गोलियां भी चलाई.
30-30 के समूह में दाखिल हुए उग्रवादी
कुलदीप सिंह के अनुसार उग्रवादी 28 सितंबर के आसपास मैतेई गांवों पर हमला कर सकते हैं. हमले की आशंका के बीच चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, उखरूल, कामजोंग और फेरजॉल समेत कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 3 मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है. सरकारी आंकड़ों की माने तो यहां आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिंसा में अब तक 237 लोगों की मौत हो चुकी है. 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 60 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं.
सुरक्षा व्यवस्था सख्त
जहां घटनास्थल से पांच खाली कारतूस बरामद हुआ है. अपहृत व्यक्ति की तलाश जारी है. उसेक अपहरण के पीछे का कारण पता नहीं चल पाया है. न ही किसी भी विद्रोही समूह ने घटना की जिम्मेदारी ली है. वहीं सेना ने मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ और बीएसएफ के साथ संयुक्त अभियान के दौरान 12 सितंबर को चुराचांदपुर में बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य हथियार बरामद किए थे. जिसके बाद से इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पहले से सख्त है.