JPC Suggestion On Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने के उद्देश्य से लाए गए वक्फ संशोधन बिल ने भारतीय राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है. इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है और इस पर लगातार बहस जारी है.
जेपीसी की अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं और इस दौरान आम जनता से वक्फ संशोधन बिल को लेकर उनके सुझाव मांगे गए थे. इस मामले में जेपीसी के सामने अब तक करीब 84 लाख सुझाव ईमेल के जरिए आ चुके हैं. इसके साथ ही लगभग 70 बॉक्स लिखित सुझावों से भरे हुए भी संयुक्त संसदीय समिति के पास आए हैं.
विपक्षी दलों के कई सांसदों का मानना है कि बिल के मौजूदा प्रारूप से स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता व समानता के कानूनों का उल्लंघन होगा. विशेषकर वक्फ ट्रिब्यूनल में डीएम व अल्पसंख्यक समुदाय के बाहर के सदस्यों को शामिल करने पर बड़ा एतराज जताया गया है.
संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी. 19 सितंबर को पटना लॉ कालेज के वीसी के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अधिकारी को बुलाया गया है. 26 से 1 अक्टूबर के बीच जेपीसी के सदस्य मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में जाकर वहां के संभ्रांत लोगों और मुस्लिम संगठनों से राय लेंगे.
जेपीसी की ओर से ईमेल और लिखित सुझावों पर विचार करने के साथ ही कुछ विशेषज्ञों और हितधारकों की राय और सुझाव भी सुने जाएंगे. समिति बिल पर विचार विमर्श करने के बाद संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
वक्फ संशोधन बिल देश के लाखों मुसलमानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इस बिल का सीधा असर वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनका उपयोग किस तरह किया जाए, इस पर पड़ेगा. वक्फ संशोधन बिल एक जटिल मुद्दा है जिस पर देश भर में बहस छिड़ी हुई है. जेपीसी की रिपोर्ट इस बहस को एक नया मोड़ दे सकती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद इस बिल पर क्या फैसला लेती है.