MPs In UP Facing Criminal Charges: लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने वाले कई नेताओं की कुर्सी पर संकट मंडराता दिख रहा है. उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के 7 सांसद ऐसे हैं जिनका आगे का सफर मुश्किलों भरा हो सकता है. इन सांसदों के ऊपर गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों में आरोप तय हो चुके हैं. यदि इन पांच सालों के भीतर इन मुकदमों में सजा सुना दी जाती है तो इन माननीयों को अपनी सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 6 सांसद इंडिया ब्लॉक से संबंध रखते हैं. वहीं आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और नगीना सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करने वाले चंद्रशेखर आजाद हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, इन सांसदों के खिलाफ धन शोधन, धमकी देने और गैंगस्टर अधिनियम के उल्लंघन तक के मामले शामिल हैं. इन सभी मामलों में लंबी सजा का प्रावधान है. आइए जान लेतें हैं कि वै कौन से सांसद हैं जो इस फेहरिस्त में शामिल हैं.
गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर निर्वाचित सांसद अफ़ज़ल अंसारी को पहले ही गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी ठहराया जा चुका है और चार साल की सज़ा सुनाई जा चुकी है. अफजल का मामला साल 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय से जुड़ा है. पिछले साल अप्रैल माह में स्पेशल कोर्ट के फैसले के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए बेल दे दी, लेकिन उनके सजा पर रोक नहीं लगाई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाई और संसद सदस्यता बहाल की. इससे उन्हें लोकसभा चुनाव में फिर से उतरने की अनुमति मिल गई.
जौनपुर सीट जीतकर एक दशक लंबे राजनीतिक वनवास को खत्म करने वाले बाबू सिंह कुशवाहा पर मायावती शासन के दौरान एनआरएचएम घोटाले से जुड़े कई आरोप हैं. उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और चुनाव से संबंधित अवैध भुगतान सहित 25 मामलों में से आठ में आरोप तय किए जा चुके हैं. दिलचस्प बात यह है कि कुछ साल पहले ही उन्हें बीजेपी में शामिल किया गया था. भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पार्टी नेताओं के विरोध की वजह से पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
आजमगढ़ सीट से जीतने वाले अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव पर चार मामले लंबित हैं. अगर उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी संसद सदस्यता जाने का खतरा है.
सुल्तानपुर सीट पर भाजपा की मेनका गांधी को हराने वाले रामभुआल निषाद के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं. जिनमें एक मामला गैंगस्टर एक्ट के तहत भी दर्ज है. उनके दोषी ठहराए जाने की संभावना से उनकी लोकसभा सदस्यता पर असर पड़ सकता है.
चंदौली में पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को हराने वाले वीरेंद्र सिंह पर भी कई आपराधिक आरोप हैं जिससे उनकी सदस्यता को बड़ा खतरा पैदा हो गया है.
सहारनपुर सीट से कांग्रेस के इमरान मसूद ने जीत दर्ज की है. उनके खिलाफ कुल आठ मामले दर्ज हैं.इनमें से एक मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. उन पर दो मामलों में आरोप तय हो चुके हैं.साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके टुकड़े-टुकड़े वाले बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
आरक्षित नगीना सीट से जीतने वाले चंद्रशेखर आज़ाद पर 30 से ज़्यादा मामले चल रहे हैं. दो साल से ज़्यादा की सजा उनके राजनीतिक करियर पर बुरा असर डाल सकती है.
इससे पहले भी कई राजनेताओं ने आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी संसदीय सदस्यता खो दी है. जिनमें आजम खान उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म, खब्बू तिवारी, विक्रम सैनी, राम दुलार गोंड, कुलदीप सेंगर और अशोक चंदेल जैसे माननीय शामिल हैं. नए सांसदों के ऊपर चल रहे आपराधिक मामले के निर्णय कई महत्वपूर्ण राजनीतिक नतीजों को पैदा कर सकती है.