तेलंगाना में 64 नक्सलियों ने किया पुलिस के सामने सरेंडर, अधिकारियों ने किया आत्मसमर्पण करने वालों का स्वागत

आत्मसमर्पण करने वाले सदस्यों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें उन्हें रोजगार के अवसर, शिक्षा और सामाजिक समर्थन शामिल हो सकता है. यह घटना तेलंगाना में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने इस सफलता के लिए अपनी एकजुटता और रणनीति की सराहना की है.

तेलंगाना राज्य में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के 64 सदस्यों ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह घटना भद्राद्रि कोठागुडेम जिले में हुई, जहां मल्टी-जोन-1 के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) और स्थानीय पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में यह आत्मसमर्पण संपन्न हुआ.

पुलिस अधिकारियों ने किया आत्मसमर्पण करने वालों का स्वागत

इस अवसर पर मल्टी-जोन-1 के पुलिस महानिरीक्षक एस. चंद्रशेखर रेड्डी, कोठागुडेम के पुलिस अधीक्षक रोहित राजू, भद्राचलम के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विक्रांत कुमार सिंह और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारी भी मौजूद थे. इन अधिकारियों ने आत्मसमर्पण करने वाले सदस्यों का स्वागत किया और इसे क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया.

नक्सलवाद को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत पुलिस

यह आत्मसमर्पण ऐसे समय में हुआ है जब तेलंगाना पुलिस और अन्य सुरक्षा बल माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह घटना माओवादी विचारधारा से प्रभावित लोगों के बीच बदलते मनोभाव को दर्शाती है, जो अब हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं.

पुनर्वास नीति के तहत मिलेगी सहायता

आत्मसमर्पण करने वाले सदस्यों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें उन्हें रोजगार के अवसर, शिक्षा और सामाजिक समर्थन शामिल हो सकता है. पुलिस और प्रशासन ने इस कदम को अन्य माओवादी समर्थकों के लिए एक संदेश के रूप में पेश किया है, ताकि वे भी हिंसा त्यागकर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें. यह घटना तेलंगाना में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने इस सफलता के लिए अपनी एकजुटता और रणनीति की सराहना की है.