menu-icon
India Daily

उत्तरकाशी टनल में 6 इंच का पाइप बना इकलौती उम्मीद, खाने की चीजों के साथ-साथ अब वाईफाई कनेक्शन और मोबाइल चार्जर भेजने की तैयारी

Uttarkashi: उत्तरकाशी में मंगलवार शाम को रेस्कयू टीम को एक छोटी सी सफलता मिली है. पहली बार पाइप द्वारा कैमरे को टनल तक पहुंचाया गया और एक 6 इंच के पाइप को भी टनल के दूसरे तरफ पुहंचाकर श्रमिकों को खाने की चीजें भेजी जा रहीं हैं.

auth-image
Edited By: Antriksh Singh
उत्तरकाशी टनल में 6 इंच का पाइप बना इकलौती उम्मीद, खाने की चीजों के साथ-साथ अब वाईफाई कनेक्शन और मोबाइल चार्जर भेजने की तैयारी

Uttarkashi: उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद मंगलवार शाम को रेस्कयू टीम को एक छोटी सी सफलता मिली है. पहली बार पाइप द्वारा कैमरे को टनल तक पहुंचाया गया था और एक 6 इंच के पाइप को भी टनल के दूसरे तरफ पुहंचा दिया गया है. जिससे श्रमिकों को खाने की चीजें भेजी जा रहीं हैं.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे को 11 दिन बीत गए हैं. लेकिन अभी भी 41 श्रमिकों बाहर निकालने में कामयाबी नहीं मिली है. लेकिन सरकार द्वारा युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए खाने के लिए बेहतर से बेहतर चीजें भेजने की कोशिश की जा रही हैं.

पाइप द्वारा अब पका हुआ खाना भेजने में भी कामयाबी मिली

बता दें कि दो दिन पूर्व प्रशासन ने 6 इंच का पाइप टनल के दूसरी तरफ पहुंचाने में कामयाबी हासिल की थी. जिससे श्रमिकों के लिए फल, खाना, दवाइयां और दूसरी चीजें भेजी जा रही हैं. 
मंगलवार रात को श्रमिकों के लिए रात के खाने में पाइप के जरिए शाकाहारी पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गई. टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित रखने के लिए उनके स्वास्थय को देखते हुए सेब, ऑरेंज, मौसंबी के साथ-साथ 5 दर्जन केले भी भेजे गए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी NDMA ने मंगलवार शाम बताया कि उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में बिछाई गई 6 इंच की पाइपलाइन पूरी तरह से काम कर रही है. अब श्रमिकों को पका हुआ खाना भेजने में भी सुविधा होगी.

कैमरे ने दिखाया श्रमिकों को

मजदूरों और सुरंग के अंदर का हाल जानने के लिए पाइप के जरिए सुरंग में कैमरा भेजा गया था. अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के जिरए मजदूरों से  बात भी की थी. सुरंग की फुटेज से पता चला की कैसे इतने दिन से मजदूर सुरंग में फंसे है. सुरंग से मजदूरों के रेस्क्यू से जुड़े कर्नल दीपक पाटिल ने बताया है कि सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के लिए वाईफाई कनेक्शन लगाने और मोबाइ चार्जर भेजने की तैयारी कर रहें हैं.

ये भी पढ़े: इजराइल-हमास जंग के बीच आज बैठेंगे ग्लोबल लीडर्स, पुतिन से लेकर ट्रूडो होंगे शामिल; पीएम मोदी करेंगे अध्यक्षता

राज्य सरकार और केंद्र सरकार की कोशिश जारी

बता दें कि उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' परियोजना का हिस्सा है. इस सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. जिसमें 41 श्रमिक फंस गए थे, जिनको अभी तक निकालने में सफलता नहीं मिली है. लेकिन उत्तराखण्ड सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी अपनी तरफ श्रमिकों को निकालने की पूरी कोशिश कर रहीं हैं.