Job Fraud: मोटी सैलरी का लालच देकर रूस की वैगनर आर्मी में भर्ती कर दिए 4 भारतीय, मैसेज भेजकर कहा- प्लीज हमें बचा लो
Job Fraud: तेलंगाना और कर्नाटक के इन युवाओं को मोटी सैलरी का लालच देकर रूस ले जाया गया. यही नहीं उनसे साढ़े तीन-तीन लाख रुपए भी लिए गए. अब उनकी जान खतरे में है.
Job Fraud: रूस में युद्धग्रस्त यूक्रेन बॉर्डर पर फंसे तेलंगाना के एक 22 साल के युवा और कर्नाटक के कलबुर्गी के रहने वाले तीन अन्य लोगों ने एक मैसेज भेजकर उन्हें तुरंत बचाए जाने की गुहार लगाई है. पीड़ितों ने यह भी बताया कि वो एक नौकरी दिलाने वाले गिरोह के झांसे में आ गए जिसने उन्हें मोटी सैलरी दिलवाने का लालच देकर रूस लाया गया और अब उनकी जान खतरे में है, उन्हें तुरंत वहां से निकाला जाए.
वीडियो भेजकर कहा- प्लीज हमें बचा लो
तेलंगाना के नारायणपेट के रहने वाले मोहम्मद सूफियान ने अपने परिवार को एक वीडियो भेजा है जिसमें उसने कहा- ' प्लीज हमें बचा लो. हम एक नौकरी देने वाले गिरोह का शिकार हो चुके हैं.' इस वीडियो में सूफियान सेना की वर्दी पहने हुए हैं. सूफियान ने कहा कि हमें जबरजस्ती हमारी मर्जी के खिलाफ यहां लाया गया. उनसे कहा गया था कि वे सेना सुरक्षा सहायक के रूप में काम करेंगे.
2 लाख रुपए की सैलरी दिलवाने का झांसा दिया
सूफियान ने कहा कि नौकरी देने वाले फर्जी गिरोह से उनकी मुलाकात दुबई में हुई थी जिन्होंने उनसे वादा किया था कि उन्हें मोटी सैलरी दिलवाएंगे. जब वे नवंबर 2023 में भारत वापस आए तो दिसंबर 2023 में उन्हें चेन्नई से फ्लाइट में बिठाकर रूस भेज दिया गया. उन्हें यहां विजिटर वीजा पर लाया गया था.
सूफियान के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि ये सभी लोग दुबई में 30 से 40 हजार रुपए की नौकरी कर रहे थे लेकिन एजेंटों ने उन्हें 2 लाख रुपए तक की मोटी सैलरी दिलावे का वादा किया. यही नहीं उन्होंने प्रत्येक शख्स से 3.5 लाख रुपए भी लिए.
परिवारों को उनके बच्चों को वैगनर ग्रुप में भर्ती किये जाने का संदेह
पीड़ित युवाओं के परिवारों का कहना है कि उन्हें संदेह है कि उनके बच्चों को वैगनर ग्रुप में भर्ती कर दिया गया है. वैगनर ग्रुप एक प्राइवेट आर्मी है जिसे यूक्रेन के खिलाफ फ्रंटलाइन पर लड़ने के लिए रूसी सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है. माना जा रहा है कि इन चार युवाओं के अलावा भारत के 60 अन्य युवाओं को उनकी मर्जी के खिलाफ वैगनर ग्रुप में शामिल किया गया है. उन सभी युवाओं से एक कॉन्ट्रेक्ट पेपर पर सिग्नेचर भी कराए गए थे जो रूसी भाषा में था.
महाराष्ट्र के शख्स ने दिया था नौकरी का झांसा
यह भी पता चला है कि यू-ट्यूब चलाने वाले महाराष्ट्र के एक शख्स ने इन लोगों को रूस की सेना में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था. भोले-भाले युवाओं के साथ हुई इस धोखाधड़ी का एक व्लॉगर ने पर्दाफाश किया है. 31 साल के सैयद सलमान ने बताया, '15 दिन पहले जब मेरी मां ने भाई सूफियान से बात की थी तो उसने बताया था कि वह यूक्रेन बॉर्डर से केवल 40 किलोमीटर दूर है. उसने कहा था कि उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ यहां लाया गया है और उन्हें धोखा दिया गया है.'
सलमान ने कहा, 'जैसे ही मेरे भाई को अवसर मिला उसने रूस के एक सैन्यकर्मी के मोबाइल से हमें मैसेज कर दिया. उसने तुरंत उनकी मदद किए जाने और उन्हें किसी भी कीमत पर भारत वापस लाने की गुहार लगाई है.'
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