16 years of 26/11 Attack: आज 26 नवंबर 2024 को मुंबई हमलों के 16 साल पूरे हो गए हैं. 26/11 के हमलों ने न सिर्फ मुंबई बल्कि पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया था. इस दिन 10 आतंकवादियों ने मुंबई की सड़कों पर दहशत फैलाने की कोशिश की थी और उन हमलों में 166 लोगों की जानें गईं और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
लेकिन इन हमलों में कई वीर सैनिक और पुलिसकर्मी भी शहीद हुए, जिनकी वीरता और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता. आइए जानते हैं उन शहीदों के बारे में जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर देश की रक्षा की.
मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, जो 51 SAG NSG में शामिल थे उन्होंने 26/11 के हमलों के दौरान मुंबई के ताज होटल में फंसे हुए बंधकों को बचाने के लिए अपनी जान दी. उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.
मुंबई पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओम्बले ने आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई. ओम्बले ने कसाब की राइफल को पकड़कर उसे जिंदा पकड़वाया, लेकिन इस दौरान आतंकवादी ने गोलियां चलाईं, जिससे वह शहीद हो गए. उन्हें भी मरणोपरांत अशोक चक्र मिला.
मुंबई के एंटी-टेररिजम स्क्वाड (ATS) के प्रमुख हेमंत करकरे हमले के दौरान शहीद हो गए. वह अपने अधिकारियों अशोक कामटे और विजय सालसकर के साथ आतंकवादियों के हमले का सामना करते हुए शहीद हो गए. उन्हें भी मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.
अशोक कामटे, जो मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त थे उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी से लड़े और शहीद हो गए. उन्हें भी मरणोपरांत अशोक चक्र मिला.
विजय सालसकर, जो मुंबई के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल के प्रमुख थे वह भी इस हमले में शहीद हो गए. वह हेमंत करकरे और अशोक कामटे के साथ मारे गए और उन्हें भी उनके साहस के लिए अशोक चक्र दिया गया.