menu-icon
India Daily

26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को US से भारत लाने में होगी देरी: रिपोर्ट

26/11 Accused Tahawwur Rana's Extradition To India To Be Delayed: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा की थी.

auth-image
Edited By: Gyanendra Tiwari
26/11 Accused Tahawwur Rana's Extradition To India To Be Delayed report
Courtesy: Social Media

26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण में अब देरी हो सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राणा ने में 'मानवीय आधार' पर एक अंतिम याचिका दायर की है, जिसे अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था. इस वजह से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में कुछ हफ्तों की देरी हो सकती है.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा राणा की याचिका को खारिज किए जाने के बाद,राणा ने 'मानवीय कारणों' पर आधारित अंतिम याचिका दायर की थी. सूत्रों के अनुसार, इस याचिका के कारण उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है. दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पूरी तरह से तैयार है और वह आरोपी को भारत में लाने के लिए इंतजार कर रही है.

ट्रंप ने की प्रत्यर्पण की घोषणा

इस सप्ताह के प्रारंभ में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान राणा के भारत को प्रत्यर्पण की घोषणा की थी. इससे भारतीय अधिकारियों को उम्मीद थी कि जल्दी ही राणा को भारत लाया जाएगा, लेकिन अब यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए टल सकती है.

तहव्वुर राणा का संदिग्ध कनेक्शन

तहव्वुर राणा कनाडा के नागरिक होने के साथ पाकिस्तानी मूल का है, इस समय लॉस एंजेलिस के एक मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद हैं. उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़े होने के कारण जाना जाता है. हेडली 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता में से एक था. राणा और हेडली के बीच गहरे संपर्क थे और दोनों का संबंध मुंबई हमले की योजना में अहम था.

26/11 हमला: एक खौफनाक घटना

26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में एक सुनियोजित हमला किया था. इन आतंकवादियों ने मुंबई के दो प्रमुख होटलों, एक रेलवे स्टेशन और एक यहूदी सेंटर पर हमले किए. यह हमला समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से मुंबई पहुंचकर किया गया था, और इस हमले में कुल 166 लोगों की मौत हुई थी. यह हमला भारत और दुनिया के लिए एक बड़े आतंकवादी हमले के रूप में याद किया जाता है.

राणा का प्रत्यर्पण क्यों है महत्वपूर्ण?

राणा के प्रत्यर्पण से भारतीय जांच एजेंसियों को पाकिस्तान राज्य के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने में मदद मिल सकती है. इस हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को लेकर कई आरोप हैं, और राणा का बयान इस संबंध में महत्वपूर्ण हो सकता है. उनके भारत आने के बाद, जांच एजेंसियां और आतंकवाद निरोधक संगठन इस हमले की और सच्चाई सामने लाने की कोशिश करेंगे.