सपा के कद्दावर नेता रवि वर्मा ने साइकिल की छोड़ी सवारी, जल्द थाम सकते है कांग्रेस का हाथ!

Samajwadi Party leader Ravi Verm: आगामी 2024 लोकसभा चुनाव से पहले समाजावादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा ने सपा से इस्तीफा दिया है.

Avinash Kumar Singh

नई दिल्ली: आगामी 2024 लोकसभा चुनाव से पहले समाजावादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा ने सपा से इस्तीफा दिया है. सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो रवि प्रकाश वर्मा सोमवार यानी 6 नवंबर को कांग्रेस में शामिल हो सकते है. आज उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है, जिसमें वे अपने इस फैसले का ऐलान करेंगे.

अखिलेश यादव को भेजा इस्तीफा

सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में सपा के उन्होंने लिखा जनपद लखीमपुर खीरी में पार्टी के आंतरिक हालात के कारण मैं काम कर पाने में असमर्थ हूं, इसलिए सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं."


 

जानें रवि प्रकाश वर्मा की नाराजगी की वजह?  

रवि प्रकाश वर्मा इसी साल जनवरी महीने में सपा के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे. लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी. सपा के स्थानीय और नए नेताओं को पार्टी में ज्यादा तरजीह दिए जाने से वह नाराज थे. बीते दिनों जून महीनें में जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिन के दौरे पर कार्यकर्ता सम्मेलन में लखीमपुर खीरी आए थे तो मंच से सपा के कद्दावर नेता रविप्रकाश वर्मा गायब थे. उसके बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि वह सपा से नाराज हैं. 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सपा के लिए रवि प्रकाश वर्मा का सपा से इस्तीफा देना सियासी तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है.

जानें कौन हैं रवि प्रकाश वर्मा?

रवि प्रकाश वर्मा 1998, 2004 और 2009 में लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट से सपा के सांसद रहे है. 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद रवि प्रकाश वर्मा को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने राज्यसभा का सदस्य बनाया था. वह 2014 से 2020 तक राज्य सभा सदस्य रहे है. सपा से चार बार के सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा के पार्टी छोड़ देने से अखिलेश यादव के पीडीए के फार्मूले को करारा झटका लग सकता है. क्योंकि वे गैर यादव पिछड़ी कुर्मी बिरादरी के बड़े नेता माने जाते है.

कांग्रेस पार्टी ने कुर्मी वोट बैंक में की बड़ी सेधंमारी

रवि प्रकाश वर्मा कांग्रेस के पाले में आने से लखीमपुर खीरी ही नहीं बल्कि धौरहरा, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर बाराबंकी की लोकसभा क्षेत्रों के साथ करीब आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर पड़ असर पड़ सकता है. इन सभी लोकसभा क्षेत्रों की अलग-अलग विधानसभा सीटों में कुर्मी समाज निर्णायक भूमिका में हैं. केवल अगर हम लखीमपुर खीरी में पिछड़े वर्ग की बात करें तो करीब 35 प्रतिशत आबादी कुर्मीयों की है. 2019 के लोकसभा चुनाव में रवि प्रकाश वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा को सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारा गया था. जहां उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा.

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