जमीन से उखड़े 20-25 साल पुराने पेड़ बता रहे हैं कितना खतरनाक था दिल्ली में आया भूकंप? धौला कुआं का ये वीडियो देखा क्या

इंडियन एसोसिएशन ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर महेश टंडन ने कहा कि हमारे अनुमान के मुताबिक दिल्ली की 70-80% इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज से डिजाइन ही नहीं की गई हैं.

सोमवार की सुबह दिल्लीवालों की नींद तेज भूकंप के साथ खुली. सुबह 5.36 बजे 4.0 तीव्रता के भूकंप ने दिल्ली-एनसीआर वालों को झकझोरकर रख दिया. 5.36 बजे लोग बेहद गहरी नहीं में होते हैं  लेकिन भूकंप की तीव्रता इतनी थी कि हर कोई अपना बेड छोड़कर खड़ा हो गया. दिल्ली-एनसीआर में रह रहे लोगों के तो फोन तक आने शुरू हो गए. हालांकि गनीमत रही कि भूकंप कुछ ही सेकेंड के लिए आया, अन्यथा भयंकर तबाही हो सकती थी.

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के निदेशक डॉक्टर ओपी मिश्रा  ने बताया की भूकंप का केंद्र दिल्ली में जमीन से 5 किलोमीटर  की गहराई में था. भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं का झील पार्क इलाका था और 1990 से उस इलाके में भूकंप के झटके आते हैं. भूकंप का केंद्र दिल्ली होने की वजह से यह भूकंप और ज्यादा तबाही का कारण बन सकता था, क्योंकि जहां भूकंप का केंद्र होता है वहां नुकसान ज्यादा होता है.

झील पार्क में उखड़ गए 25 साल पुराने पेड़
भूकंप का केंद्र धौला कुआं का झील पार्क था. झील पार्क की देखभाल करने वालों ने बताया कि 4.0 तीव्रता के भूकंप के कारण पार्क में 20-25 साल पुराने पेड़ उखड़ गए. ओपी मिश्रा ने बताया कि यह भूकंप ज्यादा खतरनाक नहीं था क्योंकि ये भूकंप प्लेटों के टकराने से नहीं बल्कि स्थानीय आंतरिक हलचल के कारण हुआ था.

भूकंप आया तो दिल्ली को कितना खतरा
इंडियन एसोसिएशन ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर महेश टंडन ने कहा कि हमारे अनुमान के मुताबिक दिल्ली की 70-80% इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज से डिजाइन ही नहीं की गई हैं.