जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई ताजा मुठभेड़ में 3 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवाद विरोधी अभियान के चौथे दिन भी सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है. अब तक दो आतंकी मारे गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, जुथाना के घने जंगल वाले इलाके में चार से पांच आतंकवादी छिपे हुए थे और सुरक्षाकर्मियों ने छिपे हुए आतंकवादियों के स्थान का पता लगा लिया है.
दोनों घायल जवान जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के थे और उन्हें इलाज के लिए कठुआ के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया. सूत्रों ने बताया कि दोनों जवान अब स्थिर हालत में हैं. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आज की मुठभेड़ में शामिल आतंकवादी वही समूह हैं जो रविवार को हीरानगर में हुई मुठभेड़ के बाद भागने में सफल रहे थे.
पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सान्याल गांव में एक नर्सरी में ' ढोक ' (एक छोटा सा घेरा) के अंदर आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद एसओजी ने यह ऑपरेशन शुरू किया था. मुठभेड़ 30 मिनट से अधिक समय तक चली और उसके बाद आतंकवादी भाग गये.
4 दिन से तलाशी अभियान जारी
22 मार्च से पुलिस, सेना, एनएसजी, बीएसएफ और सीआरपीएफ की मदद से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. यूएवी, ड्रोन और बुलेटप्रूफ वाहनों सहित उन्नत निगरानी तकनीक से लैस सुरक्षा बल घुसपैठियों का पता लगाने के लिए क्षेत्र की तलाशी ले रहे हैं. अधिकारियों को संदेह है कि वे पाकिस्तान से नई खोदी गई सुरंग या खड्डों वाले रास्ते से भारतीय क्षेत्र में घुसे हैं.
भारी मात्रा में हथियार बरामद
तलाशी अभियान विशेष रूप से बिलावर जंगल की ओर जाने वाले मार्गों पर तेज कर दिया गया है, जहां सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की गतिविधियों पर सफलतापूर्वक नजर रखी है. सोमवार (24 मार्च) को, टीमों ने चार भरी हुई एम4 कार्बाइन मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट और खाने के सामान के कई पैकेट बरामद किए. इसके अलावा, हीरानगर मुठभेड़ स्थल के पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री से भरे पॉलीथीन बैग मिले.