महाराष्ट्र: जंगल में शिकार करने गए थे 13 दोस्त, 12 ने 13वें दोस्त को शिकार समझकर मार दी गोली, हुई दर्दनाक मौत
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी पहले भी जंगल में अवैध शिकार करते थे. वे आमतौर पर जंगली सूअर, खरगोश और हिरण जैसे जानवरों का शिकार करते थे. पुलिस अब फरार तीन अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
महाराष्ट्र के पालघर जिले के मनोर जंगल में शिकार करने गए 13 दोस्तों के समूह में से एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई. दोस्तों ने गलती से अपने ही साथी को शिकार समझ लिया और गोली चला दी.
कैसे हुई यह दर्दनाक घटना?
यह घटना 29 जनवरी को हुई, लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब मृतक की पत्नी ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन अब भी फरार हैं.
शिकार के लिए गए थे 13 दोस्तॉ
मनोर पुलिस के मुताबिक, 28 जनवरी की दोपहर करीब 3:30 बजे बोरशेटी गांव के 12 लोग जंगल में शिकार के लिए गए थे. अगले दिन सुबह उन्होंने अपने 60 वर्षीय दोस्त रमेश वारथा को भी साथ आने के लिए बुलाया.
29 जनवरी की सुबह 6 बजे रमेश जंगल में पहुंचे और अपने दोस्तों की ओर बढ़ने लगे. झाड़ियों से आती आहट को सुनकर उनके दोस्त सागर हादल (28) ने यह समझा कि कोई जंगली जानवर उनकी ओर आ रहा है. बिना देखे ही उसने देशी बंदूक से फायरिंग कर दी. गोली सीधे रमेश को लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
घबराहट में छिपाया शव, पांच दिन तक बना रहा राज
जब दोस्तों को अपनी गलती का एहसास हुआ, तो वे डर गए. उन्होंने रमेश के शव को झाड़ियों में छिपा दिया और गांव लौट आए. रमेश की पत्नी, अमिता (55), अपने पति के न लौटने पर परेशान हो गईं और 5 दिन बाद पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और 9 आरोपियों से पूछताछ की. सभी ने अपराध कबूल कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों में सागर हादल, सिद्धू भुतकडे (52), भावेश भुतकडे (28), एकनाथ भुतकडे (42), शांताराम भुतकडे (65), विशाल घरत (31), मध्य वावरे (49), वामन परहाड (65) और दिनेश वधाली (42) शामिल हैं. पुलिस ने रमेश के शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.