दिल्ली सरकार ने 12 फरवरी, 2025 को संत रविदास की जयंती के अवसर पर सरकारी अवकाश की घोषणा की है. यह निर्णय राजधानी दिल्ली के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन बन गया है, क्योंकि संत रविदास की जयंती को हर साल श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाता है.
रविदास जयंती का महत्व: संत रविदास भारतीय समाज के महान संत, कवि और भक्ति आंदोलन के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं. वे एक समाज सुधारक थे जिन्होंने भक्ति और प्रेम के माध्यम से जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई. उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को इंसानियत, समानता और प्रेम का संदेश देती हैं. रविदास जी की जयंती के दिन देशभर में उनके अनुयायी श्रद्धा और सम्मान के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.
दिल्ली सरकार का यह कदम:
दिल्ली सरकार द्वारा 12 फरवरी को रविदास जयंती पर सरकारी अवकाश की घोषणा, राजधानी में इस दिन की अहमियत को मान्यता देने का एक कदम है. सरकारी संस्थानों और दफ्तरों में इस दिन छुट्टी रहेगी, जिससे लोग अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सकेंगे और संत रविदास के योगदान को याद कर सकेंगे.
दिल्ली सरकार का यह कदम विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहत देने वाला है जो इस दिन की महत्ता को समझते हुए विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना चाहते हैं. इस दिन विभिन्न स्थानों पर भव्य आयोजन होते हैं, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान और भजन संकीर्तन प्रमुख होते हैं.
रविदास जयंती की विशिष्टता:
संत रविदास के विचारों का प्रभाव सिर्फ हिन्दू धर्म के अनुयायियों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके विचार भारतीय समाज की विभिन्न जातियों और वर्गों के बीच समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने वाले रहे हैं. उनकी कविता और भक्ति गीत आज भी लोगों के दिलों को छूते हैं.
दिल्ली सरकार की यह पहल न केवल संत रविदास की शिक्षाओं को मान्यता देती है, बल्कि समाज में समानता और एकता को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है. रविदास जयंती का अवकाश सरकारी कर्मचारियों और दिल्लीवासियों के लिए एक अविस्मरणीय दिन होगा, जो उनके प्रेरक विचारों और योगदान को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करेगा.