महाराष्ट्र: बैंकों की घनघोर लापरवाही, धूल फांक रहे 101 करोड़ के बंद हो चुके 500 -1000 के नोट, RBI ने वापस लेने से किया इनकार
महाराष्ट्र में 8 सरकारी बैंकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इन बैंकों ने समय रहते बंद हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों को रिजर्व बैंक में जमा नहीं कराया और अब आरबीआई ने इन नोटों को वापस लेने से इनकार कर दिया है. आलम ये है कि इन नोटों को दीमक से बचाने के लिए बैंको को केमिकल का छिड़काव करना पड़ रहा है.

महाराष्ट्र के आठ जिला केंद्रीय सहकारी (DCC) बैंकों के पास पिछले नौ वर्षों से लगभग 101.2 करोड़ रुपये की निष्क्रिय मुद्रा जमा है. इन बैंकों को इस नकदी को सुरक्षित रखने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वे हर तीन महीने में नोटों पर दीमक-रोधी केमिकल छिड़कते हैं और उन्हें अलग-अलग कमरों में संरक्षित करते हैं.
कोल्हापुर DCC बैंक में सबसे अधिक निष्क्रिय नोट
कोल्हापुर DCC बैंक के पास 25.3 करोड़ रुपये की निष्क्रिय मुद्रा है, जो 500 रुपये के नोटों में सबसे अधिक है. इसके बाद पुणे DCC बैंक का नंबर आता है, जहां 22.2 करोड़ रुपये की निष्क्रिय मुद्रा जमा है. एक DCC बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) ने TOI को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस नकदी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, क्योंकि यह नोटबंदी के बाद निर्धारित समयसीमा में जमा नहीं किया गया था. उन्होंने कहा, “हमने जिन जमाकर्ताओं का यह पैसा था, उन्हें नई मुद्रा में भुगतान किया. अब यह निष्क्रिय मुद्रा हमारे लिए बोझ बन गई है और अगर RBI इसे बदलने से मना करता है, तो इसे अनावश्यक रूप से नुकसान के रूप में दिखाना पड़ सकता है.”
नोटबंदी के बाद की स्थिति
नोटबंदी के बाद DCC बैंकों को 500 और 1,000 रुपये के निष्क्रिय नोट जमा करने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, अनुपालन की कमी और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंकाओं के चलते RBI ने इन बैंकों से नकदी स्वीकार करना बंद कर दिया. जून 2017 में सरकार ने DCC बैंकों को यह पैसा बदलने की अनुमति दी, बशर्ते यह नवंबर 2016 में RBI द्वारा खोले गए समयावधि में जमा किया गया हो. उस समय 31 DCC बैंकों के पास 2,270 करोड़ रुपये की निष्क्रिय मुद्रा थी, जिसमें पुणे DCC बैंक के पास सबसे अधिक 811 करोड़ रुपये और सतारा के पास 399 करोड़ रुपये थे. MD ने कहा, “RBI ने सख्त शर्त रखी है कि समयावधि बंद होने के बाद जमा नोट बदलने के योग्य नहीं हैं, इसलिए हमारे पास अभी भी यह पैसा पड़ा है.”
सुरक्षा और चुनौतियां
इन बैंकों के लिए निष्क्रिय नोटों को संभालना एक बड़ी चुनौती है. नोटों को कीड़ों से बचाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन RBI के रुख से यह धन बेकार पड़ा हुआ है.