Milind Deora Said Why Left Congress: कांग्रेस पार्टी को छोड़ने और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के बारे में वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने अब खुलकर बात की है. उन्होंने कहा है कि पार्टी बदलने का फैसला इसलिए किया है, क्योंकि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे मेरी क्षमताओं पर विश्वास करते हैं. औपचारिक रूप से शिव सेना में शामिल होने के बाद देवड़ा ने एक्स पर जारी एक लंबे बयान में कहा कि शिंदे सरकार में राज्य महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है.
मिलिंद देवड़ा ने कहा कि आज हम देख रहे हैं, एक साधारण चाय बेचने वाला दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री है. एक ऑटोरिक्शा चलाने वाला देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री है. यही बदलाव भारतीय राजनीति को बेहतर बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे देश के सबसे मेहनती और सुलभ मुख्यमंत्रियों में से एक हैं. महाराष्ट्र के वंचित वर्गों के बारे में उनकी समझ, शासन और बुनियादी ढांचे में सुधार के उनके प्रयास सराहनीय हैं.
I am honored and deeply grateful for my well-wishers and supporters.
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) January 14, 2024
As I begin a new political journey under the leadership of @mieknathshinde Ji in @Shivsenaofc, I remain committed to working diligently towards the development of Mumbai and Maharashtra, contributing to India’s… pic.twitter.com/ianU4LdBnt
47 वर्षीय मिलिंद देवड़ा ने यह भी कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सोच और नजरिए से प्रेरित हैं. पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं मुंबई और महाराष्ट्र के समृद्ध भविष्य के लिए सीएम शिंदे के नजरिए से प्रेरित हूं. मेरा लक्ष्य उनके प्रयासों का समर्थन करना है. इसी तरह पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के भारत के लिए दूरदर्शी विचार मुझे योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं.
देवड़ा ने कहा कि मैं ऐसे नेता के साथ काम करना चाहता हूं जो रचनात्मक विचारों को महत्व देता है, मेरी क्षमताओं को पहचानता है और देश-राज्य की प्रगति के लिए संसद में मेरा उपयोग करना चाहता है. एकनाथ शिंदे मेरी क्षमताओं में विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत से असंभव चीजें भी संभव हो सकती हैं. उधर, देवड़ा ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसलों के दौरान भी पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया.
उन्होंने कहा कि हाशिये पर होने के बावजूद, गांधी परिवार और पार्टी के साथ अपने परिवार के स्थायी रिश्ते को बनाए रखने की मेरी प्रतिबद्धता दृढ़ रही है. दस वर्षों तक मैंने व्यक्तिगत पद या सत्ता की आकांक्षा किए बिना अलग-अलग भूमिकाओं में पार्टी के लिए हर संभव प्रयास किया. साथ ही देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस अब पहली वाली पार्टी नहीं रही है.