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Year Ender 2024: चांदीपुरा, जीका या निपाह..., जानिए इस साल दुनिया में सबसे ज्यादा किसने मचाई तबाही 

Year Ender 2024: दिसंबर का महीना आते ही हर साल बीते 12 महीनों की समीक्षा शुरू हो जाती है. साल 2024 भी अब समाप्ति की ओर है, और जल्द ही दुनिया नए साल 2025 का स्वागत करेगी. लेकिन इस साल का अंत करते हुए अगर हम स्वास्थ्य संकटों पर नजर डालें, तो यह साल आम लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहा. इस साल लाखों लोग कई बड़ी बीमारियों का शिकार हुए हैं. 

Year Ender 2024

Year Ender 2024:  दिसंबर का महीना चल रहा है. इसका मतलब है कि साल 2024 खत्म होने वाला है. अब नया सत्र शुरू होने वाला है. कुछ ही दिनों बाद दुनिया के लोग साल 2025 का स्वागत करेंगे. अब अगर इस बीतते साल में हुई घटनाओं और स्वास्थ्य संकटों की बात करें तो यह साल अच्छा नहीं रहा. इस साल लाखों लोग कई बड़ी बीमारियों का शिकार हुए हैं. आइए जानते हैं इस साल किन बीमारियों ने कहर बरपाया है.

आपको बता दें, इस साल जीका वायरस, निपाह वायरस, मंकीपॉक्स और चांदीपुरा वायरस जैसी बीमारियों ने लोगों को परेशान किया. इसके अलावा कुछ ऐसी बीमारियाँ भी रहीं जिनके बारे में सुनकर आपका दिमाग हिल जाएगा. कोरोना वायरस के बाद भी कुछ नए वायरस ने लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है.

जीका वायरस

जीका वायरस पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पाया गया था. 1952 में यह इंसानों में भी फैल गया. भारत में इस वायरस का पहला मामला 2021 में केरल में सामने आया. 2024 में भी इस वायरस ने कई इलाकों में चिंता बढ़ाई. यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से फैलती है.

इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, और शरीर में दर्द शामिल हैं. कुछ गंभीर मामलों में यह वायरस नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है. हालांकि इसके लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन वायरस के बढ़ने के साथ यह खतरनाक हो सकता है.

डेंगू

साल 2024 में डेंगू ने एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के कई हिस्सों में कहर बरपाया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस साल 7.6 मिलियन से अधिक डेंगू के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 3000 से अधिक मौतें हुईं.
बारिश के मौसम और जलभराव की वजह से डेंगू के मामलों में तेजी आई. यह भी एडीज मच्छर के कारण फैलता है और इसके गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की कमी और जान का खतरा रहता है.

चांदीपुरा वायरस

1966 में महाराष्ट्र के नागपुर के चांदीपुरा गांव में इस वायरस की पहचान हुई थी. यह एक RNA वायरस है, जो फ्लेबोटोमाइन मच्छरों के जरिए फैलता है. 15 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका असर सबसे ज्यादा होता है. 2024 में इस वायरस के कई मामले सामने आए, जिससे बच्चों की मृत्यु दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई. अब तक इस वायरस के इलाज के लिए कोई एंटीवायरल दवा विकसित नहीं की जा सकी है.

निपाह वायरस

निपाह वायरस का पहला मामला 1998 में मलेशिया के एक गांव में सामने आया था. यह बीमारी मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलती है और मानव से मानव में भी संक्रामक हो सकती है. इसकी मृत्यु दर बेहद अधिक है. भारत में इस वायरस का पहला मामला 2018 में केरल में दर्ज किया गया था. 2024 में भी इस वायरस ने कुछ क्षेत्रों में दहशत फैलाई. इसकी रोकथाम के लिए अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन सतर्कता और आइसोलेशन ही इससे बचाव के प्रमुख उपाय हैं.

क्या सिखाता है साल 2024?

इस साल की बीमारियां हमें सिखाती हैं कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना कितना जरूरी है. समय पर टीकाकरण, स्वच्छता के नियमों का पालन और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना ऐसे संकटों से बचने में मददगार हो सकते हैं.