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Tumors in human body: शरीर में बन गई है गांठ? ऐसे पहचानें कैंसर है या नहीं, यहां जानें

नहीं, हर गांठ कैंसर नहीं बनती, लेकिन कुछ गांठें समय के साथ कैंसर में बदल सकती हैं. विशेष रूप से, ब्रेस्ट, गर्दन, बगल, पेट और जांघों में बनने वाली गांठों पर ध्यान देना जरूरी है. यदि ये गांठें समय के साथ बढ़ रही हैं या दर्दरहित होते हुए भी असामान्य रूप ले रही हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें

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Edited By: Reepu Kumari
Types of tumors in human body
Courtesy: Pinterest

Tumors in human body: शरीर में गांठ (Lump) बनना एक आम समस्या है, लेकिन यह चिंता का विषय तब बन जाती है जब इसका आकार बढ़ने लगे या यह सख्त हो जाए. हर गांठ कैंसरजन्य (Malignant) नहीं होती, लेकिन इसे नजरअंदाज करना भी खतरनाक हो सकता है.

सही समय पर जांच और निदान से गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है. इस लेख में जानेंगे कि किसी गांठ के कैंसर होने या न होने की पहचान कैसे करें और किन जांचों की जरूरत होती है.

1. शरीर में गांठ क्यों बनती है?

गांठ बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य होते हैं और कुछ गंभीर.

सामान्य कारण 

- फैटी टिशू (Lipoma) का जमाव  
- सिस्ट (Cyst) यानी तरल पदार्थ से भरी थैली  
- संक्रमण के कारण सूजन  
- हार्मोनल बदलाव  

गंभीर कारण 

- लिंफ नोड्स में सूजन (Lymphoma)  
- ब्रेस्ट या स्किन कैंसर  
- बोन ट्यूमर  
- सार्कोमा (Sarcoma)  

यदि गांठ तेजी से बढ़ रही है या लंबे समय तक बनी हुई है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. 

2. कैंसर और सामान्य गांठ में क्या अंतर है?  

हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन कुछ विशेष लक्षण कैंसर का संकेत दे सकते हैं; 

  • सामान्य गांठ
  • मुलायम, स्पंजी और हिलने-डुलने वाली  
  • धीरे-धीरे बढ़ने वाली  
  • दबाने पर दर्द महसूस होना  
  • कैंसरजन्य गांठ 
  • तेजी से बढ़ने वाली  
  • सख्त और अचल  
  • दर्दरहित लेकिन समय के साथ दर्दनाक हो सकती है  
  •  गांठ के आसपास की त्वचा में बदलाव (लालिमा, खुजली या काला पड़ना)  
  • अगर आपकी गांठ इन लक्षणों को दर्शाती है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.

3. गांठ की जांच कैसे कराएं?  

  • अगर शरीर में कोई असामान्य गांठ बनती है, तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत जांच करवाएं.  
  • शारीरिक परीक्षण (Physical Examination): डॉक्टर गांठ का आकार, स्थिति और स्थिरता जांचते हैं.
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): गांठ के अंदर के टिशू और उसकी संरचना को देखने के लिए किया जाता है. 
  • एमआरआई (MRI) या सीटी स्कैन (CT Scan): गांठ के विस्तार और उसकी गंभीरता की जानकारी मिलती है. 
  • बायोप्सी (Biopsy): इसमें गांठ के टिशू का सैंपल लेकर उसकी लैब में जांच की जाती है. 
  • ब्लड टेस्ट: ब्लड में कैंसर सेल्स या अन्य संबंधित संकेतकों की पहचान के लिए किया जाता है. 

4. गांठ कैंसर है तो क्या करें?  

अगर जांच में गांठ कैंसरजन्य पाई जाती है, तो डॉक्टर इसके प्रकार और स्टेज के अनुसार इलाज की सलाह देते हैं। मुख्य उपचार विधियां;  

  • सर्जरी: कैंसरयुक्त गांठ को हटाने के लिए.  
  • कीमोथेरेपी: कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए दवाओं का उपयोग. 
  • रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन किरणों से कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है.
  • इम्यूनोथेरेपी: शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर कैंसर से लड़ने में मदद करना.  
  • जल्दी निदान और सही उपचार से कैंसर का प्रभावी इलाज संभव है.

5. क्या हर गांठ कैंसर बन सकती है?

नहीं, हर गांठ कैंसर नहीं बनती, लेकिन कुछ गांठें समय के साथ कैंसर में बदल सकती हैं. विशेष रूप से, ब्रेस्ट, गर्दन, बगल, पेट और जांघों में बनने वाली गांठों पर ध्यान देना जरूरी है. यदि ये गांठें समय के साथ बढ़ रही हैं या दर्दरहित होते हुए भी असामान्य रूप ले रही हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें.

अगर शरीर में कोई भी गांठ बनती है, तो उसे हल्के में न लें. हालांकि, हर गांठ घातक नहीं होती, लेकिन लक्षणों को पहचानना और सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है. समय पर जांच और सही इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है.