वैज्ञानिकों ने एक घातक परजीवी, फॉक्स टेपवर्म (इकिनोकॉकस मल्टीलोक्युलरिस), के बढ़ते प्रसार को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है, जो मानव शरीर में प्रवेश करने पर लिवर फेल्योर और मौत का कारण बन सकता है. यह परजीवी खासतौर से जंगली जानवरों, जैसे लोमड़ियों, में पाया जाता है, लेकिन इसके अंडे संक्रमित जानवरों के मल के जरिए से मनुष्यों में आसानी से फैल सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फॉक्स टेपवर्म के अंडे यदि मानव शरीर में पहुंचते हैं, तो यह परजीवी लिवर में तेजी से बढ़ता है और ट्यूमर बनाता है. ये ट्यूमर लिवर से फेफड़ों और अन्य अंगों तक फैल सकते हैं. इसके लक्षणों में पेट दर्द, पीलिया, वजन घटना और कमजोरी शामिल हैं.
फॉक्स टेपवर्म का खतरनाक प्रभाव
स्विट्जरलैंड के विशेषज्ञों ने बताया कि इस बीमारी के मामले पिछले कुछ सालों में लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं. अगर, यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख के आंकड़ों के अनुसार, 1993 में जहां केवल दो मामले थे, वहीं 2022 में यह संख्या बढ़कर 22 हो गई. पहले यह परजीवी यूरोप, चीन, जापान और साइबेरिया तक सीमित था, लेकिन अब यह कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी फैल रहा है.
उच्च जोखिम वाले समूह
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, "शिकारी, पशु चिकित्सक, जंगली लोमड़ियों, कोयोट्स या उनके मल के संपर्क में आने वाले लोग, या घरेलू कुत्ते-बिल्लियां जो संक्रमित जंगली चूहों को खा सकते हैं," सबसे अधिक जोखिम में हैं. CDC ने पालतू जानवरों को जंगली जानवरों और उनके मल से दूर रखने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है.
थाईलैंड में रिकॉर्ड तोड़ मिला टेपवर्म
बता दें कि, साल 2021 में थाईलैंड के नॉन्ग खाई प्रांत के एक 67 साल के शख्स के मामले ने दुनिया का ध्यान खींचा, जब उनके शरीर से 18 मीटर (59 फीट) लंबा टेपवर्म निकाला गया, जो पिछले 50 सालों में थाईलैंड में दर्ज सबसे लंबा टेपवर्म था. मरीज ने मार्च की शुरुआत से "पेट फूलने" की शिकायत की थी. जब अस्पताल में उनके मल के नमूने की जांच से 28 संक्रामक लार्वा का पता चला, जो संभवतः कच्चे या अधपके गोमांस से आए थे.. दवा देने के बाद, अगले दिन 20 मार्च को यह विशाल परजीवी उनके शरीर से बाहर निकला गया.
इधर, पैरासिटिक डिजीज रिसर्च सेंटर के एक प्रतिनिधि ने कहा, "18 मीटर से ज्यादा लंबा टीनिया सैजिनाटा गोवंश टेपवर्म एक मरीज से मिला. उसे सोने से पहले डीवर्मिंग दवा दी गई थी, और सुबह यह लंबा कीड़ा उनके शरीर से निकला. इसे जमीन पर फैलाने में हमें काफी समय लगा. ऐसे में मरीज को दवा दी गई और उनकी खानपान की आदतों में बदलाव की सलाह दी गई.
जानें इस बीमारी से बचाव के क्या हैं उपाय?
वैज्ञानिकों ने लोगों से जंगली जानवरों के संपर्क से बचने और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की अपील की है. यह परजीवी न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि इसके बढ़ते प्रसार से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जागरूकता और सावधानी इस खतरे को कम करने में मदद कर सकती है.