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National Girl Child Day 2025: डिप्रेशन से मोटापे तक… ज्यादातर लड़कियों को झेलनी पड़ती हैं ये हेल्थ प्रॉब्ल्म्स

राष्ट्रीय बालिका दिवस हमें यह याद दिलाता है कि लड़कियों की समस्याओं को पहचानकर उनका समाधान करना जरूरी है. स्वास्थ्य समस्याएं सिर्फ व्यक्तिगत ही नहीं, बल्कि समाज की भी चिंता का विषय हैं. सही समय पर जागरूकता और प्रयास से इन चुनौतियों को दूर किया जा सकता है.

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Edited By: Babli Rautela
National Girl Child Day 2025
Courtesy: Social Media

National Girl Child Day 2025: हर साल 24 जनवरी को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों के अधिकारों, समस्याओं और असमानताओं पर जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. इसकी शुरुआत 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को उनके अधिकार, सहायता और समान अवसर प्रदान करना है.

बालिकाओं को जीवन के अलग-अलग चरणों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें से स्वास्थ्य समस्याएं प्रमुख हैं. आइए जानते हैं, किशोर लड़कियों के स्वास्थ्य से जुड़ी आम समस्याएं और उनसे बचाव के उपाय.

मोटापा और वजन बना चुनौती

खराब आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी और आनुवंशिक कारण किशोर लड़कियों में मोटापे का प्रमुख कारण हैं. बढ़ते मोटापे से भविष्य में टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
समाधान:

  • संतुलित आहार का सेवन करें.
  • नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली अपनाएं.
  • बच्चों को जंक फूड से दूर रखें और हेल्दी फूड विकल्पों को बढ़ावा दें.

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलिमिया नर्वोसा जैसे खाने-पीने के विकार किशोरियों में आम हैं. सोशल मीडिया, शारीरिक छवि को लेकर दबाव और भावनात्मक तनाव इन समस्याओं को बढ़ावा देते हैं.
समाधान:

  • बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें.
  • आत्म-स्वीकृति को बढ़ावा दें और सकारात्मक शारीरिक छवि के लिए प्रेरित करें.
  • समय पर काउंसलिंग कराना बेहद फायदेमंद हो सकता है.

हार्मोनल चेंज की वजह से मासिक धर्म में बदलाव

यौवन के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण किशोर लड़कियां मासिक धर्म की अनियमितताओं, गंभीर पीएमएस या दर्दनाक मासिक धर्म जैसी समस्याओं का सामना करती हैं. ये समस्याएं उनकी भूख, ऊर्जा और मूड को प्रभावित करती हैं.
समाधान:

  • पौष्टिक आहार में आयरन, कैल्शियम और विटामिन डी शामिल करें.
  • नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं.
  • डॉक्टर से परामर्श लें, यदि समस्या अधिक गंभीर हो.

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं

किशोर लड़कियाँ चिंता, अवसाद और तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझती हैं. ये समस्याएं उनकी खाने की आदतों और जीवनशैली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं.
समाधान:

  • बच्चों के साथ संवाद को प्रोत्साहित करें.
  • ध्यान और योग जैसी गतिविधियों को अपनाएं.
  • मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद लें.

पोषण की कमी

अव्यवस्थित खानपान और डाइटिंग के दबाव के कारण किशोर लड़कियां अक्सर आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित रह जाती हैं. आयरन, कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से उनकी हड्डियों, प्रतिरक्षा प्रणाली और ऊर्जा स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
समाधान:

  • घर का बना पोषणयुक्त भोजन बच्चों को दें.
  • फास्ट फूड और मीठे पेय पदार्थों से बचें.
  • आयरन और विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें.