Low Sperm Count: कम स्पर्म काउंट (Low Sperm Count), जिसे चिकित्सकीय रूप से ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है, पुरुषों में प्रजनन क्षमता (fertility) की समस्याओं का एक प्रमुख कारण है.
इसमें पुरुष के वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या सामान्य स्तर से कम हो जाती है, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है. इसके पीछे कई कारण और बीमारियां हो सकती हैं.
1. हार्मोनल असंतुलन
शरीर में टेस्टोस्टेरोन और अन्य प्रजनन हार्मोन का स्तर कम हो जाने पर शुक्राणु उत्पादन प्रभावित होता है. यह हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्याओं के कारण हो सकता है.
2. जीवनशैली और आदतें
अत्यधिक धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा और अस्वास्थ्यकर आहार स्पर्म काउंट कम करने में भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा, अत्यधिक तनाव और नींद की कमी भी प्रमुख कारण हो सकते हैं.
3. संक्रमण (Infections)
कुछ संक्रमण, जैसे कि गोनोरिया, क्लैमाइडिया, या यौन संचारित रोग (STIs), शुक्राणु उत्पादन को बाधित कर सकते हैं. यह समस्या प्रोस्टेट ग्रंथि, वृषण, या वीर्यवाहिनी में सूजन के कारण होती है.
4. जीवनशैली संबंधी जोखिम
मोबाइल और लैपटॉप का लंबे समय तक उपयोग, गर्म वातावरण में काम करना, और तंग अंडरवियर पहनना शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को कम कर सकता है.
बीमारियां जो स्पर्म काउंट को प्रभावित करती हैं
1. वरिकोसेल (Varicocele) -वृषण की नसों में सूजन शुक्राणु उत्पादन को कम कर सकती है. यह पुरुष बांझपन का सबसे आम और इलाज योग्य कारण है.
2. हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म- थायरॉयड ग्रंथि के विकार प्रजनन हार्मोन के असंतुलन का कारण बनते हैं.
3. कैंसर और उसके उपचार - वृषण या प्रजनन अंगों का कैंसर और कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी जैसे उपचार शुक्राणु उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं.
4. आनुवांशिक विकार- क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम जैसे आनुवांशिक रोग शुक्राणु उत्पादन को बाधित करते हैं.
कम स्पर्म काउंट का मतलब हमेशा बांझपन नहीं होता. सही चिकित्सा, जैसे कि आईवीएफ (IVF) और इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI), द्वारा गर्भधारण संभव है. जीवनशैली में सुधार, दवाएं, और चिकित्सा उपचार भी सहायक हो सकते हैं.
कम स्पर्म काउंट का मुख्य कारण खराब जीवनशैली, संक्रमण, या चिकित्सा स्थितियां हो सकती हैं. समय पर डॉक्टर से परामर्श और सही उपचार से इसे प्रबंधित करना संभव है.