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क्या होती है Water Fasting जिसके कारण 18 साल की लड़की की हुई मौत? जानें इससे जुड़े जानलेवा नुकसान

Girl Dies After Water Fasting:श्रीनंदा ने ऑनलाइन पोर्टलों से प्रभावित होकर अत्यधिक जल उपवास (water fasting) किया जिसके बाद उसे एनोरेक्सिया नर्वोसा की समस्या होगी. इस समस्या के कारण युवती की मौत हो गई.

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Edited By: Princy Sharma
What Is Water Fasting
Courtesy: Pinterest

What Is Water Fasting: हाल ही में केरल के कन्नूर जिले से एक खबर सामने आई थी जहां18 वर्षीय लड़की की सख्त डाइट फॉलो और लंबे समय तक भूखे रहने के कारण मौत हो गई. 18 वर्षीय लड़की का नाम श्रीनंदा बताया जा रहा है. दरअसल, युवती ने वजन बढ़ने के डर से सख्त डाइट फॉलो की और लंबे समय तक खाना भी छोड़ दिया था जिसके कारण हेल्थ से जुड़ी कई परेशानी पैदा हो गई. 

श्रीनंदा ने ऑनलाइन पोर्टलों से प्रभावित होकर अत्यधिक जल उपवास (water fasting) किया जिसके बाद उसे एनोरेक्सिया नर्वोसा की समस्या होगी. इस समस्या के कारण युवती की मौत हो गई. लगभग छह महीने से भोजन से दूर रहने वाली इस युवती को उसकी मृत्यु से 12 दिन पहले थालास्सेरी सहकारी अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था.

कंसल्टेंट फिजीशियन ने क्या बताया?

अस्पताल के कंसल्टेंट फिजीशियन डॉ. नागेश मनोहर प्रभु ने बताया, 'उसका वजन मुश्किल से 24 किलो था और वह बिस्तर पर थी. उसका शुगर लेवल, सोडियम और ब्लड प्रेशर बहुत कम था. वेंटिलेटर सपोर्ट के बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई.'

डॉक्टरों ने बताया कि लड़की का वजन कम करने का जुनून और खाने का विकार पांच महीने से अधिक समय तक बना रहा, जिसके दौरान वह मुख्य रूप से गर्म पानी पर जीवित रही और अपने परिवार से अपनी खाने की आदतों को छुपाती रही.

क्या होता है एनोरेक्सिया नर्वोसा? 

एनोरेक्सिया नर्वोसा एक गंभीर भोजन विकार (disorder) है, जिसमें वजन बढ़ने का डर रहता है. कम वजन होने पर, व्यक्ति खुद को अधिक वजन वाला समझने लगता है, जिसके कारण वह खतरनाक व्यवहार करने लगता है, जैसे भोजन पर प्रतिबंध लगाना और कुछ मामलों में तो भोजन से पूरी तरह परहेज करना. 

जल उपवास क्या होता है? 

एक्सपर्ट के अनुसार, जल उपवास एक शून्य-कैलोरी डाइट होती है जिसे अक्सर वजन घटाने के लिए अपनाया जाता है. जल उपवास ऑटोफैगी के सिद्धांत पर काम करता है, जहां पुरानी सेल्स की मरम्मत और रिसाइकल किया जाता है. लेकिन वाटर फास्टिंग हर किसी के लिए सही नहीं है. आमतौर पर, वाटर डाइट 24 से 72 घंटे तक चलता है और इससे ज्यादा समय तक इसे एक्सपर्ट्स के देखरेख के बिना नहीं करना चाहिए. यदि इसे लंबे समय तक किया जाए तो यह खतरनाक हो सकता है. 

एक्सपर्ट्स की मानें तो 72 घंटे से अधिक समय तक जल उपवास करने से डिहाइड्रेशन,  इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकती है.  यह उन व्यक्तियों के लिए खास तौर से खतरनाक है जो पहले से गठिया (Arthritis), डायबिटीज या भोजन संबंधी विकार जैसी बीमारियों का सामना कर रहे हैं. 

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.