डायबिटीज क्या है से लेकर कैसे करें इसका समाधान, डॉक्टर आशीष सैनी ने बताई हर एक बात
World Diabetes Day: विश्व मधुमेह दिवस एक महत्वपूर्ण वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में मधुमेह के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस स्थिति की रोकथाम, निदान और प्रबंधन में सुधार के लिए आवश्यक सामूहिक और व्यक्तिगत कार्यों पर जोर देने का अवसर प्रदान करता है.

World Diabetes Day: हर साल 14 नवंबर को "विश्व मधुमेह दिवस" मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मधुमेह से जुड़े जोखिमों को कम करना है. कैलाश दीपक हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टर आशीष सैनी बताते हैं कि इस साल की थीम "ब्रेकिंग बैरियर्स, ब्रिजिंग गैप्स" है, जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बेहतर उपचार और देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करने का संदेश देती है. यहां हम समझेंगे कि मधुमेह क्या है, इसके प्रकार, इसके लक्षण, जोखिम, निदान, और बचाव के उपाय क्या हैं.
मधुमेह क्या है?
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर ग्लूकोज (शर्करा) का सही उपयोग करने में सक्षम नहीं होता. यह तब होता है जब शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या इसे प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता. इंसुलिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित करता है.
मधुमेह के प्रकार
डॉ. सैनी के अनुसार, मधुमेह मुख्यतः तीन प्रकार का होता है:
टाइप 1 मधुमेह: इसमें शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है. टाइप 1 से पीड़ित लोगों को इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता होती है.
टाइप 2 मधुमेह: इसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो करता है लेकिन इसे प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता. यह मधुमेह का सबसे आम प्रकार है.
गर्भावधि मधुमेह: यह गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होता है, जिससे बाद में टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है.
मधुमेह के लक्षण
बार-बार प्यास लगना
बार-बार पेशाब आना
अचानक वजन कम होना
धुंधला दिखना
थकान और सुस्ती महसूस होना
हाथ-पैरों का सुन्न होना
घाव का धीमी गति से भरना
त्वचा संक्रमण
मधुमेह के जोखिम कारक
डॉ. आशीष सैनी के अनुसार, मधुमेह के प्रमुख जोखिम कारकों में शामिल हैं:
- मोटापा या अधिक वजन
- शारीरिक गतिविधि की कमी
- 45 वर्ष या उससे अधिक आयु
- परिवार में टाइप 2 मधुमेह का इतिहास
- तनाव का उच्च स्तर
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का इतिहास
- पूर्व गर्भावस्था में गर्भावधि मधुमेह का इतिहास
मधुमेह का निदान
मधुमेह का पता लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण रक्त शर्करा परीक्षण उपलब्ध हैं, जिनमें:
उपवास रक्त शर्करा परीक्षण: इसे खाली पेट किया जाता है.
भोजन के बाद रक्त शर्करा परीक्षण: इसमें भोजन के बाद शर्करा का स्तर मापा जाता है.
एचबीए1सी (HBA1c): पिछले तीन महीनों में औसत शर्करा स्तर मापने का तरीका.
मधुमेह से बचाव के उपाय
डॉ. सैनी बताते हैं कि मधुमेह से बचने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
स्वस्थ आहार: शुगर और फैट की मात्रा को नियंत्रित करना और फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करना.
नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम.
वजन नियंत्रण: वजन को सामान्य सीमा में रखना.
तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और अन्य तनाव कम करने वाले उपाय.
अच्छी नींद: दिन में 7-8 घंटे की नींद.
नशे से बचाव: शराब और धूम्रपान से दूर रहना.
वार्षिक स्वास्थ्य जांच: समय-समय पर मधुमेह की जांच कराना आवश्यक है.
मधुमेह के दुष्प्रभाव
अनियंत्रित मधुमेह शरीर में कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे हृदय रोग, नसों को नुकसान, गुर्दे की बीमारी, त्वचा संक्रमण और यहां तक कि दांतों की समस्याएं.
कैलाश दीपक हॉस्पिटल के डॉक्टर आशीष सैनी का मानना है कि मधुमेह का समय पर निदान और जीवनशैली में बदलाव इसे नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं. नियमित जांच, संतुलित आहार, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम मधुमेह के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं.