Guillain Barre Syndrome: अगर आप लगातार कमजोरी और थकावट महसूस कर रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह किसी सामान्य थकान का परिणाम नहीं, बल्कि एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है.
ऐसी ही एक दुर्लभ बीमारी है गुलेन बैरी सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome). यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर परिणाम दे सकता है.
गुलेन बैरी सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपनी ही नसों पर हमला करने लगती है. इससे नसें क्षतिग्रस्त होती हैं, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नपन और कभी-कभी पूर्ण लकवे की स्थिति पैदा हो सकती है. यह विकार सामान्यतः एक संक्रमण (जैसे वायरल या बैक्टीरियल) के बाद विकसित होता है.
गुलेन बैरी सिंड्रोम के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं;
यदि ये लक्षण तेजी से विकसित हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
इस बीमारी का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह अक्सर फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया या कैंपिलोबैक्टर संक्रमण के बाद उभरती है. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में इसका खतरा अधिक होता है.
गुलेन बैरी सिंड्रोम का उपचार मुख्यतः प्लाज्मा एक्सचेंज (Plasma Exchange) और इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG)द्वारा किया जाता है. ये थेरेपी शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी को नियंत्रित करने में मदद करती हैं. इसके अलावा, फिजियोथेरेपी से मांसपेशियों को दोबारा सक्रिय करने में मदद मिलती है. गंभीर मामलों में मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है.
1. शरीर में किसी भी असामान्य कमजोरी को हल्के में न लें।
2. संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
3. संक्रमण से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।