Gall Bladder Stone है या नहीं? ऐसे करें पहचान, शरीर में होने लगते हैं ये बदलाव

गॉल ब्लैडर स्टोन की पहचान करने का सबसे सही तरीका है कि आपके पेट में दर्द शुरु हो जाएगा. इसके अलावा शरीर पर कई ऐसे लक्षण दिखने लगते हैं जिससे आप बहुत ही आसानी से पता कर सकते हैं.

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Gall Bladder Stone Symptom: गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पित्त (बाइल) स्टोर और रिलीज़ करता है. जब गॉल ब्लैडर में स्टोन बनते हैं, तो शरीर में कई बदलाव महसूस होते हैं.

यदि समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या गंभीर हो सकती है. आइए जानते हैं वे 3 मुख्य संकेत जो गॉल ब्लैडर स्टोन की ओर इशारा करते हैं.

1. पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द

गॉल ब्लैडर स्टोन का सबसे आम लक्षण पेट के दाईं ओर ऊपरी हिस्से में दर्द होना है. यह दर्द अचानक शुरू होता है और कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक बना रह सकता है. खासतौर पर, जब आप तैलीय या भारी भोजन करते हैं, तो यह दर्द और तेज हो सकता है. कई मामलों में, यह दर्द पीठ या कंधे तक भी फैल सकता है.

2. मतली और उल्टी का एहसास 

गॉल ब्लैडर में स्टोन होने पर पाचन तंत्र प्रभावित होता है, जिससे मतली (नॉसिया) और उल्टी की समस्या हो सकती है. खाने के तुरंत बाद पेट भारी महसूस होना, अपच (डाइजेशन प्रॉब्लम) या बार-बार जी मिचलाना भी इसके संकेत हो सकते हैं. अगर लगातार ऐसा महसूस हो रहा है, तो यह गॉल ब्लैडर स्टोन का लक्षण हो सकता है.

3. पीलिया (Jaundice) के लक्षण दिखना

अगर गॉल ब्लैडर स्टोन बाइल डक्ट को ब्लॉक कर देता है, तो शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे पीलिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इस स्थिति में त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला दिखने लगता है. साथ ही, गहरे रंग का पेशाब और हल्के रंग का मल भी हो सकता है. यह एक गंभीर संकेत है, जिस पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 

कैसे करें पहचान और बचाव?  

अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से गॉल ब्लैडर स्टोन की पुष्टि की जा सकती है. इससे बचने के लिए हेल्दी डाइट अपनाएं, ज्यादा तैलीय और जंक फूड से बचें, और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें.

गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है. अगर आपके शरीर में ये तीन संकेत दिख रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें और समय पर डॉक्टर से जांच करवाएं. सही समय पर इलाज से सर्जरी से बचा जा सकता है और स्वास्थ्य बेहतर बना रह सकता है.