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India Daily

अब घातक बीमारी मोटापे और डायबिटीज से मिलेगा छुटकारा, भारत में लॉन्च हुई एली लिली की चमत्कारी दवा 'मौंजारो'

मौंजारो शरीर में मौजूद दो महत्वपूर्ण हार्मोन रिसेप्टर्स - जीआईपी (ग्लूकोज-डिपेंडेंट इंसुलिनोट्रॉपिक पॉलीपेप्टाइड) और जीएलपी-1 (ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1) को सक्रिय करती है. ये हार्मोन ब्लड शुगर  के स्तर को नियंत्रित करने और भूख को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Eli Lillys miracle drug Monjaro to tackle obesity and diabetes launched in India

भारत में बढ़ती मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से निपटने के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है. बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी एली लिली ने अपनी क्रांतिकारी दवा 'मौंजारो' (टिर्जेपेटाइड) को भारत में लॉन्च कर दिया है. यह साप्ताहिक इंजेक्शन मोटापे और टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए तैयार किया गया है और इसे भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से मंजूरी मिल चुकी है.

मौंजारो दिलाएगी मोटापे और डायबिटीज से छुटकारा

मौंजारो एक ऐसी दवा है जो अमेरिका और यूरोप में पहले ही अपनी प्रभावशीलता के लिए जानी जा रही है. अब यह भारत में भी उपलब्ध होगी, जो उभरते बाजारों में नवीन उपचारों तक पहुंच बढ़ाने की एली लिली की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. कंपनी ने अभी तक भारत में इस दवा की कीमत का खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, बीमा कंपनियों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर इसे किफायती बनाने की दिशा में काम कर रही है.

कैसे काम करती है यह दवा?
मौंजारो शरीर में मौजूद दो महत्वपूर्ण हार्मोन रिसेप्टर्स - जीआईपी (ग्लूकोज-डिपेंडेंट इंसुलिनोट्रॉपिक पॉलीपेप्टाइड) और जीएलपी-1 (ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1) को सक्रिय करती है. ये हार्मोन ब्लड शुगर  के स्तर को नियंत्रित करने और भूख को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं. यह दवा इंसुलिन स्राव को बेहतर करती है, ग्लूकागन के स्तर को कम करती है, इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती है और पेट को खाली होने में देरी करती है. इसके अलावा, यह भूख को नियंत्रित करने, शरीर की चर्बी को कम करने और लिपिड उपयोग को संतुलित करने में भी मदद करती है.

क्लिनिकल परीक्षणों में शानदार परिणाम
अमेरिका में हुए एक अध्ययन, जिसे SURMOUNT-1 क्लिनिकल ट्रायल के नाम से जाना जाता है, में मौंजारो ने मोटापे से ग्रस्त लोगों पर प्रभावशाली परिणाम दिखाए. 72 हफ्तों तक चले इस परीक्षण में अधिकतम खुराक (15 मिलीग्राम) लेने वाले लोगों का औसत वजन 21.8 किलोग्राम कम हुआ, जबकि न्यूनतम खुराक (5 मिलीग्राम) लेने वालों का वजन 15.4 किलोग्राम घटा. खास बात यह रही कि हर तीन में से एक मरीज ने अपने शरीर के वजन का 25% से ज्यादा कम किया, जो प्लेसिबो समूह में केवल 1.5% लोगों ने हासिल किया.

भारत के लिए क्यों जरूरी?
एली लिली इंडिया के अध्यक्ष और महाप्रबंधक विंस्लो टकर ने कहा, "मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज का दोहरा बोझ भारत में एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है. हम सरकार और उद्योग के साथ मिलकर इन बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं." भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं और लगभग इतने ही लोग मोटापे का शिकार हैं, जो इसे एक गंभीर समस्या बनाता है.

स्वास्थ्य प्रबंधन में नया दृष्टिकोण
एली लिली इंडिया के वरिष्ठ चिकित्सा निदेशक डॉ. मनीष मिस्त्री ने कहा, "मौंजारो भारत में मेटाबॉलिक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश करेगी. यह दवा न सिर्फ वजन कम करने में मदद करती है, बल्कि रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी प्रभावी है." यह दवा उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो पारंपरिक तरीकों जैसे आहार और व्यायाम से इन बीमारियों पर काबू नहीं पा सके.

भविष्य की राह
मौंजारो का भारत में आगमन मोटापे और डायबिटीज के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह दवा न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बेहतर करने का वादा करती है, बल्कि देश के स्वास्थ्य ढांचे पर पड़ने वाले बोझ को भी कम कर सकती है. आने वाले समय में इसके प्रभाव को देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि यह भारतीयों को एक स्वस्थ जीवन की ओर ले जाने की क्षमता रखती है.