Depression Medicine Side Effects: आजकल डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक समस्या बन चुकी है, जिसका इलाज एंटीडिप्रेसेंट दवाओं से किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दवाएं हेरोइन से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं?
दुर्भाग्यवश, 99% मरीज इस खतरे से पूरी तरह अनजान होते हैं. आइए समझते हैं कि आखिर क्यों डिप्रेशन की दवाएं इतनी खतरनाक हो सकती हैं.
डिप्रेशन के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को नियंत्रित करती हैं. हालांकि, इनका अधिक समय तक इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है.
कई एंटीडिप्रेसेंट दवाएं ऐसी होती हैं, जो शरीर को उनकी आदी बना देती हैं. समय के साथ मरीज को इनकी अधिक खुराक की जरूरत पड़ने लगती है, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है.
हेरोइन एक अवैध नशे की दवा है, जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बना देती है. लेकिन एंटीडिप्रेसेंट भी कुछ हद तक वैसा ही असर डाल सकती हैं. हेरोइन की तरह, यह भी मरीज को मानसिक रूप से कमजोर बना सकती हैं और उन पर निर्भरता बढ़ा सकती हैं.
1. प्राकृतिक इलाज: योग, ध्यान, और एक्सरसाइज मानसिक सेहत के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
2. समाज और परिवार का सहयोग: डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को परिवार और दोस्तों का समर्थन मिलना जरूरी है.
3.डॉक्टर से सही सलाह: किसी भी दवा को लेने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लें और लंबे समय तक इन पर निर्भर न रहें.
डिप्रेशन की दवाएं अस्थायी राहत तो देती हैं, लेकिन इनके दीर्घकालिक प्रभाव बेहद खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों से रखना बेहतर है. जागरूकता ही इस समस्या से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है.