धीरे-धीरे दिल्ली की जहरीली हवी ले रही है लोगों की जान! बढ़ा इन बीमारियों का खतरा; ऐसे करें बचाव

दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर से बिगड़ रही है. शुक्रवार सुबह 6 बजे AQI 350 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए CAQM ने GRAP स्टेज 3 लागू कर दिया है. जहरीली हवा फेफड़ों, दिल, दिमाग और इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डाल रही है.

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Delhi Air Pollution Health Tips: दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर से खराब होती जा रही है. शुक्रवार यानी आज सुबह 6 बजे राजधानी का औसत AQI 350 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 3 को फिर से लागू कर दिया है.

खराब हवा सिर्फ सांस की बीमारियों को नहीं बढ़ाती, बल्कि पूरे शरीर पर बुरा असर डालती है. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से फेफड़ों, दिल, दिमाग और इम्यून सिस्टम पर गंभीर असर पड़ता है. आइए जानते हैं कि कैसे बढ़ता प्रदूषण गंभीर बीमारियों को जन्म देता है.

सांस की बीमारियां बढ़ा रहा जहरीला प्रदूषण 

हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM), ओजोन और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक फेफड़ों और श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. खासतौर पर PM2.5 जैसे सूक्ष्म कण (microscopic particles) फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर ब्लडस्ट्रीम में मिल सकते हैं, जिससे लंबे समय तक लंग फंक्शन कमजोर होता है.

दिल की बीमारियों का खतरा

प्रदूषित हवा में सांस लेने से दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके साथ लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से ब्लड वेसल्स में सूजन आ सकती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर पर जो लोग पहले से हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें ज्यादा खतरा होता है. 

इम्यून सिस्टम हो सकता है कमजोर

खराब हवा सिर्फ फेफड़ों और दिल को ही नहीं, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकती है. इससे शरीर संक्रमण से लड़ने में कमजोर हो जाता है, जिससे सर्दी, खांसी, ब्रोंकाइटिस और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, प्रदूषण शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन (दीर्घकालिक सूजन) को बढ़ाता है, जिससे ऑटोइम्यून डिजीज, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. 

दिमाग पर भी पड़ रहा बुरा असर

प्रदूषण का असर सिर्फ फिजिकल हेल्थ पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. लगातार प्रदूषित हवा में रहने से डिप्रेशन, एंग्जायटी और मानसिक थकान बढ़ सकती है. इतना ही नहीं, खराब एयर क्वालिटी नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे थकान और स्ट्रेस बढ़ जाता है. 

टाइप 2 डायबिटीज का खतरा

लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है. खासतौर पर PM2.5 जैसे सूक्ष्म कण इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ा सकते हैं, जिससे शरीर में ग्लूकोज का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता और ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है.

कैसे करें बचाव? 

  • N95 मास्क पहनकर ही बाहर निकलें
  • घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें  
  • खानपान में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजें शामिल करें
  • सुबह और रात में टहलने से बचें, क्योंकि इस समय प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.