कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी कई गलतफहमियां लोगों के बीच फैली हुई हैं. अक्सर लोग इसे पूरी तरह से नुकसानदायक मानते हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है.
आज हम आपको कोलेस्ट्रॉल से जुड़े 5 आम मिथकों के बारे में बताएंगे और जानेंगे इसके शुरुआती संकेत क्या हो सकते हैं.
बहुत से लोग सोचते हैं कि कोलेस्ट्रॉल पूरी तरह से हानिकारक होता है, जबकि शरीर को इसके कुछ स्तरों की आवश्यकता होती है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है—LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल). अच्छे कोलेस्ट्रॉल की उचित मात्रा हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है.
यह धारणा पूरी तरह से गलत है. कोलेस्ट्रॉल का स्तर केवल वजन पर निर्भर नहीं करता बल्कि खान-पान, जीवनशैली और अनुवांशिक कारणों से भी प्रभावित होता है. कई बार दुबले-पतले लोग भी उच्च कोलेस्ट्रॉल के शिकार हो सकते हैं.
यह सच है कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है और इसका कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होता, लेकिन कुछ संकेतों से इसे पहचाना जा सकता है. पैरों में दर्द, आंखों के पास पीले धब्बे, छाती में भारीपन और थकान जैसी समस्याएं उच्च कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकती हैं.
कई लोग मानते हैं कि अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, लेकिन शोध बताते हैं कि अंडे में मौजूद कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए उतना हानिकारक नहीं होता जितना माना जाता है. सीमित मात्रा में अंडे खाना शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है.
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए केवल दवाओं पर निर्भर रहना जरूरी नहीं है। सही खान-पान, नियमित व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
कोलेस्ट्रॉल से जुड़े मिथकों को समझकर सही जीवनशैली अपनाना जरूरी है. अगर आपको इसके शुरुआती संकेत दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी डाइट व एक्सरसाइज पर ध्यान दें.