Avian Influenza: हैदराबाद के चिड़ियाघर में मचा आतंक, जानवरों के लिए मुर्गियों व अंडों की आपूर्ति पर रोक
हाल ही में तेलंगाना और इसके पड़ोसी राज्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आए हैं, जिसके चलते मुर्गियों की असामान्य मौतें हो रही हैं. इस वायरस के कारण बर्ड फ्लू जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे अन्य पक्षियों और जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा होता है. चिड़ियाघर प्रशासन ने इस खतरे को गंभीरता से लिया और मांसाहारी जानवरों के लिए मुर्गियों और अंडों की आपूर्ति पर रोक लगा दी है.
Avian Influenza: तेलंगाना के आसपास के राज्यों में संदिग्ध एवियन इन्फ्लूएंजा से मुर्गियों की मौत की घटनाओं के मद्देनजर, हैदराबाद स्थित नेहरू जूलॉजिकल पार्क ने मांसाहारी जानवरों को भोजन देने के लिए मुर्गियों और अंडों की आपूर्ति पर रोक लगा दी है.
यह कदम चिड़ियाघर के अधिकारियों द्वारा एहतियातन लिया गया है ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके.
एवियन इन्फ्लूएंजा का खतरा
हाल ही में तेलंगाना और इसके पड़ोसी राज्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आए हैं, जिसके चलते मुर्गियों की असामान्य मौतें हो रही हैं. इस वायरस के कारण बर्ड फ्लू जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे अन्य पक्षियों और जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा होता है. चिड़ियाघर प्रशासन ने इस खतरे को गंभीरता से लिया और मांसाहारी जानवरों के लिए मुर्गियों और अंडों की आपूर्ति पर रोक लगा दी है.
चिड़ियाघर की आपूर्ति व्यवस्था
चिड़ियाघर के सूत्रों के अनुसार, यहां बाघ, शेर, तेंदुआ और जगुआर जैसे मांसाहारी जानवरों के लिए प्रति दिन लगभग 35 किलोग्राम चिकन और करीब 140 अंडे मंगाए जाते थे. यह भोजन इन जानवरों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाता था. हालांकि, अब तक के हालात को देखते हुए यह आपूर्ति बंद कर दी गई है.
सावधानी बरतना जरूरी
नेहरू जूलॉजिकल पार्क के अधिकारियों ने यह कदम संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए उठाया है. चिड़ियाघर के अधिकारियों ने यह भी बताया कि मांसाहारी जानवरों के भोजन के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार किया जा रहा है, ताकि उनके आहार में कोई कमी न हो। साथ ही, पूरे चिड़ियाघर में सख्त निगरानी रखी जा रही है और संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सभी सावधानियां बरती जा रही हैं.
एवियन इन्फ्लूएंजा के खतरे को देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने यह कदम उठाया है, ताकि जानवरों और पक्षियों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके. अब तक स्थिति पर नजर रखी जा रही है और यदि आवश्यक हुआ तो आगे की कार्रवाई की जाएगी.