Maharaj: हाल ही में आमिर खान के बेटे जुनैद खान की फिल्म 'महाराज' रिलीज हुई. ये फिल्म का जब से ट्रेलर सामने आया था तब से इसका विरोध हो रहा था. फिल्म का विरोध होने का कारण उनकी फिल्म की कहानी है जिसमें ये कहा जा रहा है हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है. फिल्म की कहानी ब्रिटिश काल के समय की है जिसमें एक ऐसे बड़े पुजारी की कहानी को दिखाया गया है जो आस्था के नाम पर लोगों का गलत तरीके से इस्तेमाल करता है.
कहानी एक महाराज और 19वीं सदी के एक पत्रकार-कार्यकर्ता-सुधारक के ईर्द-गिर्द घूमती है. करसन दास समाज सुधारक होने के साथ-साथ एक पत्रकार थे जो कि अपने लेखों में धर्म के नाम पर लोगों की आस्था के साथ खेलने वालों के खिलाफ लिखते थे. करसन दास ने जेजे बाबा को बेनकाब किया था. करसन दास का किरदार जुनैद ने निभाया है. वहीं जेजे की भूमिका में जयदीप अहलावत ने निभाया है.
कौन हैं करसन दास?
कहानी तब शुरू होती है जब करसन दास की मंगेतर किशोरी के साथ एक घटना होती है. किशोरी का रोल शालिनी पांडे ने निभाया है. किशोरी को जेजे अपने चरण सेवा के लिए चुनता है. इस कारण किशोरी काफी खुश होती है. चरण सेवा में जेजे महिलाओं या लड़कियों के साथ संबंध बनाता है और इसमें कई बार महिलाएं प्रेग्नेंट भी हो जाती हैं. लेकिन इस बच्चे को बाबा का आशीर्वाद मानकर रख लेती है.
अंधविश्वास का आलम यहां तक हैं कि लोग पैसे देकर इस चरण सेवा को देख सकते हैं और वह इसको देखकर इमोशनल होते हैं. जब ये चीज करसन दास देखता है तो वह गुस्से से आग बबूला हो जाते हैं और फिर वो अपनी मंगेतर को इससे बाहर आने को कहते हैं लेकिन वह अंधविश्वास में इतनी अंधी हो जाती है कि उसे ये सब अपने साथ होते हुए सही लगता है. इतना ही नहीं जब जेजे किसी महिला या लड़की के साथ रिश्ता बनाता है तो उसके घर में मिठाईयां बनती हैं. बस इसी अन्याय के खिलाफ करसन दास लड़ता है और लोगों की आंखों से अंधविश्वास की पट्टी खोलना चाहता है.