Shyam Benegal: पैरालेल सिनेमा के दिग्गज निर्देशक श्याम बेनेगल अब इस दुनिया में नहीं रहे. 23 दिसंबर 2024 को उनके निधन की खबर ने सिनेमा प्रेमियों को गहरे दुख में डुबो दिया. ‘मंथन’, ‘निशांत’, और ‘जुनून’ जैसी फिल्में बनाने वाले श्याम बेनेगल का नाम हमेशा सिनेमा की दुनिया में अमर रहेगा.
बेनेगल ने हमेशा कमर्शियल फिल्में बनाने के बजाय पैरालेल सिनेमा को priority दी और उनकी फिल्में हमेशा दर्शकों द्वारा सराही गईं. लेकिन एक बार जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी कोई फिल्म है, जो उन्हें पसंद नहीं है, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था.
बेनेगल ने ‘अनफिल्टर्ड विद समदीश’ शो में इसका जवाब देते हुए कहा, 'सारी फिल्में'. जब उनसे इसका कारण पूछा गया, तो उन्होंने सरलता से जवाब दिया, 'आपने जो काम किया है, उससे आप कैसे संतुष्ट हो सकते हैं? आप जानते हैं कि आप कहां लड़खड़ाए हैं और आप कहां सफल नहीं हुए.'
उनका यह जवाब सादगी और आत्म-आलोचना का उदाहरण था. श्याम बेनेगल का यह बयान दिखाता है कि वो अपने काम को लेकर कितने ईमानदार थे. जिस आदमी को भारत सरकार ने ऐतिहासिक सीरीज 'भारत एक खोज' बनाने का जिम्मा सौंपा, वो खुद अपने काम में खामियां देखता था.
श्याम बेनेगल ने अपने करियर की शुरुआत 1974 में फिल्म 'अंकुर' से की थी. उनकी कला और योगदान के लिए उन्हें 1976 में पद्म श्री और 1991 में पद्म विभूषण जैसे सम्मान मिले. इसके अलावा, 2005 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा गया.