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'नहीं रहे अमिताभ बच्चन...' जब शूटिंग के दौरान घायल हो गए थे बिग बी, डॉक्टरों ने कर दिया था मृत घोषित, क्या था पूरा मामला

अमिताभ बच्चन की यह कहानी सिर्फ एक हादसे की नहीं, बल्कि साहस, आस्था और इच्छाशक्ति की मिसाल है. यह घटना तब कि है जब अपनी फिल्म की शूटिंग के दौरान एक्टर घायल हो गए थे और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

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Edited By: Babli Rautela
Amitabh Bachchan
Courtesy: Social Media

Amitabh Bachchan: बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को 1982 में फिल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान एक जानलेवा चोट लगी थी, जिसके बाद उन्हें क्लीनिकल रूप से मृत घोषित कर दिया गया था. यह हादसा इतना गंभीर था कि पूरे देश में उनके फैंस सदमे में आ गए थे. हालांकि, उनकी पत्नी जया बच्चन ने अपनी अडिग आस्था और विश्वास से इस मुश्किल घड़ी का सामना किया और उन्हें दोबारा जीवनदान मिला.

बता दें की 1982 में जब अमिताभ बच्चन अपनी फिल्म 'कुली' की शूटिंग कर रहे थे, तब एक एक्शन सीन के दौरान एक्टर पुनीत इस्सर के साथ उनका फाइट सीक्वेंस फिल्माया जा रहा था. इस सीन के दौरान गलत टाइमिंग के कारण अमिताभ एक टेबल के कोने से जोरदार टकरा गए, जिससे उन्हें गंभीर चोट लग गई. उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि यह चोट इतनी घातक साबित होगी.

जब डॉक्टरों ने एक्टर को किया मृत घोषित

कुछ ही घंटों बाद, बच्चन को आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) के कारण अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ती चली गई. डॉक्टरों ने उन्हें स्थिर करने की कोशिश की, लेकिन हालात इतने खराब हो गए कि कुछ ही समय बाद उन्हें चिकित्सकीय रूप से मृत (Clinically Dead) घोषित कर दिया गया.

जैसे ही अमिताभ बच्चन की गंभीर स्थिति की खबर फैली, पूरा देश सदमे में आ गया. उनके करीबी दोस्त राजीव गांधी से लेकर बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार तक, सभी अस्पताल में उनकी हालत जानने के लिए पहुंचे. बिग बी के जल्द ठीक होने की कामना में उनके फैंस ने उपवास रखा, मंदिरों में पूजा की और नंगे पैर पवित्र स्थलों की यात्रा तक की. हर किसी की एक ही दुआ थी – 'अमिताभ बच्चन ठीक हो जाएं.'

जब जया बच्चन ने देखा उम्मीद का संकेत

इस हादसे के सालों बाद, एक इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन ने खुद बताया कि वह कोमा में चले गए थे और डॉक्टरों को भी उम्मीद नहीं थी कि वह बच पाएंगे. एक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'मेरी आंत फट गई थी और मुझे तुरंत सर्जरी करानी पड़ी. पांच दिन बाद, जब हम मुंबई लौटे, तो टांके टूट गए और मुझे दोबारा ऑपरेशन कराना पड़ा. यह इतनी गंभीर स्थिति थी कि मैं 12 से 14 घंटे तक एनेस्थीसिया से बाहर नहीं आ सका. उस वक्त मेरी नाड़ी बहुत धीमी थी, और डॉक्टरों को लगा कि अब सब कुछ खत्म हो गया है.'

जया बच्चन, जो उस समय अस्पताल में मौजूद थीं, ने इस भयावह पल को याद करते हुए कहा, 'जब डॉक्टरों ने उन्हें मृत मान लिया था, तब मैं लगातार प्रार्थना कर रही थी. मेरे हाथ में हनुमान चालीसा थी, लेकिन मैं पढ़ नहीं पा रही थी. अचानक मैंने देखा कि उनके पैर की अंगुली में हल्की हरकत हुई और मैं चिल्लाई – 'वो हिल गए, वो हिल गए!' और फिर कुछ ही देर बाद, उन्होंने होश में आना शुरू कर दिया.'