Chroma Key: फिल्में देखने का शौक किसको नहीं है. हर कोई आज कल फिल्मों का दीवाना होता है. कोई भी फिल्म या वेब सीरीज आती है तो हम उसको देख लेते है लेकिन उसके पीछे की मेहनत के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. प्रभास दीपिका पादुकोण की कल्कि तो आपने देख ही ली होगी अगर नहीं देखी होगी तो आपने ट्रेलर तो जरूर देखा होगा. फिल्म में कमाल के वीएफएक्स इस्तेमाल किए गए हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्मों में मेकर्स क्रोमा का किस तरह से इस्तेमाल करते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि फिल्मों में क्रोमा का यूज कैसे किया जाता है.
एक फिल्म को बनाने के लिए काफी टीम वर्क किया जाता है, न जाने कितने लोगों की मेहनत होती है तब जाकर एक तीन घंटे की फिल्म बनती हैं. पर्दे के पीछे काफी मेहनत और तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. बदलते समय के साथ फिल्म इंडस्ट्री में भी काफी बदलाव हुए हैं और नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. वैसे तो कई तरह की टेक्नोलॉजी है लेकिन एक है जिसका नाम क्रोमा की (Chroma Key).
फिल्मों में क्रोमा का इस्तेमाल काफी जरूरी होता है. बिना इसके कोई भी फिल्म बनाना थोड़ा मुश्किल होता है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर फिल्मों में ये क्रोमा की किस तरह से काम करता है.
गौर किया जाए क्रोमा जिसका इस्तेमाल कर एडटिंग टूल में सीन के पीछे के बैकग्राउंड में को बदला जाता है और हमें जैसा सीन चाहिए बैंकग्राउंड में हम उसका इस्तेमाल करते हैं. यही कारण है कि अक्सर फिल्में हरे रंग या नीले रंग के पर्दे पर शूट होती है. जिन्हें एडिटिंग की भाषा में ग्रीन क्रोमा स्क्रीन या फिर ब्लू क्रोमा स्क्रीन भी कहा जाता है. क्रोमा के अलावा कई सीन्स के लिए विजुएल इफेक्ट्स यानी वीएफएक्स का भी इस्तेमाल किया जाता है.
अब लोगों के मन में सवाल आता है कि क्रोमा सिर्फ हरे या नीले रंग का ही क्यों होता है तो हम आपको बता दें कि हमारे शरीर में कोई भी अंग हरे या फिर नीले रंग में नहीं होता है. इसलिए इन दोनों कलर को चुना गया. क्रोमा का इस्तेमाल पहले हॉलीवुड में किया गया था बाद में इसका देखते हुए हिंदी सिनेमा में भी इसका इस्तेमाल होने लगा. टीवी सीरियल अलिफ लैला में पहली बार क्रोमा का इस्तेमाल किया गया था इसमें क्रोमा की मदद से कई हैरान करने वाले सीन शूट किए गए थे.