Vyjayanthimala Death Rumours: हाल ही में खबर आई थी कि दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला का निधन हो गया है. हालांकि ये खबर एकदम झूठी है. एक्ट्रेस एकदम ठीक है और वह जिंदा है. इस बारे में खुलासा करते हुए खुद वैजयंतीमाला के बेटे ने पोस्ट शेयर कर खुलासा किया है.
अभिनेत्री वैजयंतीमाला ने दुनिया को कहा अलविदा?
दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला के बेटे सुचिंद्र बाली ने शुक्रवार को अपनी मां की मौत की अफवाहों का खंडन किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक नोट शेयर किया, जिसमें सभी को बताया गया कि 91 वर्षीय वैजयंतीमाला की तबीयत ठीक है और उनके निधन की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है.
उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज में लिखा, "डॉ. वैजयंतीमाला बाली का स्वास्थ्य अच्छा है और जो भी खबर इसके विपरीत है, वह झूठी है. शेयर करने से पहले कृपया खबर के स्रोत की पुष्टि कर लें." हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम युग की फिल्मों के लिए मशहूर अभिनेत्री वैजयंतीमाला को हाल ही में मंच पर प्रस्तुति देते हुए देखा गया.
हाल ही में एक्ट्रेस ने प्रस्तुत किया भरतनाट्यम
इस साल जनवरी में चेन्नई के कला प्रदर्शन में वैजयंतीमाला ने भरतनाट्यम प्रस्तुत किया. वह स्वस्थ दिख रही थीं और उन्होंने राग अभेरी में कर्नाटक रचना दासिगनुंता की शानदार प्रस्तुति दी. अभिनेत्री के प्रदर्शन के दौरान संगीतकार गिरिजाशंकर सुंदरेसन ने गायन के लिए स्वर प्रदान किए.
वैजयंतीमाला को भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. उन्हें एक महान शास्त्रीय नृत्यांगना माना जाता है, लेकिन फिल्म उद्योग में कदम रखने के छह दशक बाद भी उनकी स्क्रीन उपस्थिति अमर है. उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध कृतियों में 'देवदास' (1955), 'नया दौर' (1957), 'मधुमती' (1958), 'ज्वेल थीफ' (1967) और 'संगम' (1964) शामिल हैं.
16 साल की उम्र में की फ़िल्म जीविथम से शुरुआत
बता दें कि वैजयंतीमाला को बेहतरीन भारतीय एक्ट्रेसेस में से एक और भारतीय सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार में से एक माना जाता है. उन्होंने 16 साल की उम्र में तमिल सिनेमा में वाज़काई और अगले साल तेलुगु फ़िल्म जीविथम से शुरुआत की. 1954 में, उन्हें रोमांटिक फ़िल्म नागिन से सफलता मिली. उन्होंने 1955 की फ़िल्म देवदास में चंद्रमुखी का किरदार भी निभाया.