The Sabarmati Report JNU screening: गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा स्टारर फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग के दौरान हिंसक घटना सामने आई. फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध में कुछ असामाजिक तत्वों ने न केवल जमकर हंगामा किया, बल्कि फिल्म के पोस्टरों को भी फाड़ दिया. जानकारी के मुताबिक, फिल्म के पोस्टर फाड़ने के बाद पथराव की घटना भी घटी, जिससे परिसर में तनाव फैल गया.
JNU परिसर में हुई इस हिंसा को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने वामपंथी छात्र संगठनों पर गंभीर आरोप लगाए है. ABVP ने कहा कि वामपंथी कार्यकर्ता हमेशा एबीवीपी के आयोजित कार्यक्रमों में व्यवधान डालते हैं और यह घटना भी उसी का हिस्सा है. ABVP ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे भारत-विरोधी और हिंदू-विरोधी ताकतों की असहिष्णुता का परिणाम बताया.
ABVP ने इस घटना को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'साबरमती रिपोर्ट की स्क्रीनिंग सच्चाई को उजागर करने और हमारे देश के तथाकथित बौद्धिक अभिजात वर्ग द्वारा जानबूझकर चुप कराए गए विषयों पर चर्चा को प्रज्वलित करने की दिशा में एक कदम था. हालांकि, यह घटना हमारे परिसर के भीतर कुछ भारत-विरोधी, हिंदू-विरोधी ताकतों की असहिष्णुता और असुरक्षा को दर्शाती है, जो धर्म, धार्मिकता और सत्य के पुनरुत्थान से डरते हैं.'
फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' 2002 के गुजरात दंगों के बैकग्राउंड पर बेस्ड है और यह घटनाओं के गहरे, और अक्सर अनदेखे पहलुओं को उजागर करने का प्रयास करती है. फिल्म में एक पत्रकार की कहानी दिखाई गई है, जो साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने और उसके बाद होने वाले हिंसा के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए संघर्ष करता है.
सिनेमाई नजरिया से, यह फिल्म एक अहम सामाजिक मुद्दे को उठाती है और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है. फिल्म के कंटेंट पर विवाद हो चुका है, कुछ लोगों ने इसे एकतरफा और पक्षपाती बताया है, जबकि कुछ वर्गों ने इसकी तारीफ भी की है. इसके अलावा, फिल्म को कई राज्यों में टैक्स-फ्री भी घोषित किया गया है, जिससे इसकी पहुंच और प्रभाव को बढ़ावा मिला है.
फिल्म की स्टार कास्ट
फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा अहम किरदार निभाया है. फिल्म को धीरज सरना ने डायरेक्ट किया है, जबकि इसका निर्माण बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा किया गया है, जिसका प्रमुख चेहरा एकता कपूर है. इस फिल्म को लेकर फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों के बीच गहरी चर्चा और विवाद दोनों ही उत्पन्न हो चुके हैं.
'द साबरमती रिपोर्ट' की स्क्रीनिंग के दौरान जेएनयू में हुई हिंसा ने इस फिल्म के सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव को एक नई दिशा दी है. यह फिल्म केवल एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज में चल रही सामाजिक और राजनीतिक बहसों को भी प्रकट करती है. फिल्म ने दर्शकों को अपनी सच्चाई के बारे में सोचने के लिए मजबूर किया है और इसने राजनीतिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दिया है.