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Shekhar Kapur Birthday: बिना नाम वाले हीरो को लेकर बना डाली ऐतिहासिक फिल्म, बदल गया कई अभिनेताओं का करियर

Shekhar Kapur Birthday: बॉलीवुड से हॉलीवुड में अपनी धाक जमाने वाले फिल्म शेखर कपूर का 06 दिसंबर को जन्मदिन है. लाहौर में 06 दिसंबर 1945 में पैदा हुए शेखर अपनी शुरुआती पढ़ाई के बाद लंदन में अकाउंटेंट की पढ़ाई की. हालांकि वो अकाउंट्स में करियर बनाने के बजाय फिल्मों में अपना करियर बनाना चाहते थे.

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Edited By: Suraj Tiwari
Shekhar Kapur

हाइलाइट्स

  • मासूम से फिल्मी करियर की शुरुआत की
  • मनोज बाजपेई, सौरभ शुक्ला जैसे कलाकारों को बनाया स्टार

Shekhar Kapur Birthday: बॉलीवुड से हॉलीवुड में अपनी धाक जमाने वाले फिल्म शेखर कपूर का 06 दिसंबर को जन्मदिन है. लाहौर में 06 दिसंबर 1945 में पैदा हुए शेखर अपनी शुरुआती पढ़ाई के बाद लंदन में अकाउंटेंट की पढ़ाई की. हालांकि वो अकाउंट्स में करियर बनाने के बजाय फिल्मों में अपना करियर बनाना चाहते थे. उन्होंने सिनेमा में अपना करियर की शुरुआत एक अभिनेता को तौर की थी लेकिन उनको वहां सफलता नहीं मिली. वो हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देवानंद के भाजे थे. जिस वजह से उनको मौका भी आराम से मिल गया था. लेकिन सफलता नहीं नहीं लगने पर शेखर कपूर बतौर डायरेक्टर हिंदी सिनेमा में एक बार फिर से कदम रखा.

मासूम से फिल्मी करियर की शुरुआत की

 फिल्मी करियर की शुरुआत शेखर कपूर ने 1983 में फिल्म 'मासूम' से की थी. वहीं 1987 में अनिल कपूर की बहुचर्चित फिल्म 'मिस्टर इंडिया' को भी डायरेक्ट किया. दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाया साथ ही इन फिल्मों के किरदार और गानों ने लोगों के दिल अपनी जगह बनाई.

मनोज बाजपेई, सौरभ शुक्ला जैसे कलाकारों को बनाया स्टार

साल 1994 में शेखर कपूर ने चंबल की डांकू फूलन देवी की जीवन पर आधारित फिल्म 'बैडिंट क्वीन' बनाई. इस फिल्म में डायरेक्टर शेखर कपूर ने सभी नए लोगों को लेकर यह फिल्म बनाई थी. सभी थिएटर से जुड़े हुए आर्टिस्टों थे. जिसमें मनोज बाजपेई, सौरभ शुक्ला, जगराज राव, सीमा बिस्वास, आदित्य श्रीवास्तव, अनुपम श्याम, गोविंद नामदेव, निर्मल पांडे जैसे कलाकार को मौका मिला. वहीं इसी फिल्म में तिग्मांशु धूलिया बतौर गेस्ट डॉयरेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. 
फिल्म बैडिंट क्वीन बनने के बाद ये इसका विरोध शुरू हो गया. फूलन देवी ने खुद इस फिल्म का विरोध किया. हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद इस फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया. जिसके लिए शेखर कपूर को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार भी मिला. वहीं इसके साथ ही कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिला. शेखर कपूर को उनके सिनेमा में योगदान के लिए साल 2000 में भारत सरकार ने उनको पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया. 

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