बेंगलुरु की सिटी सिविल कोर्ट ने सोमवार को जेल में बंद अभिनेता दर्शन और पवित्रा गौड़ा की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है. वहीं, रेनुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी दीपक को जमानत मिल गई है. आपको बता दें कि दर्शन इस समय बल्लारी जेल में बंद हैं, जहां उन्हें बेंगलुरु केंद्रीय जेल से ट्रांसफर कर दिया गया है. यह कदम तब उठाया गया जब उनकी कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें उन्हें बेंगलुरु जेल में विशेष सुविधाएं प्राप्त करते हुए दिखाया गया था. दर्शन के खिलाफ इस मामले में तीन FIR दर्ज हैं.
इस मामले में दर्शन का केस लड़ रहे आपराधिक वकील सीवी नागेश ने तर्क दिया कि रेनुकास्वामी के शव का पोस्ट-मॉर्टम और गवाहों के बयान दर्ज करने में जानबूझकर देरी की गई. इस मामले में जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया उन व्यक्तियों को शर्तों के साथ जमानत मिली है, और उनके खिलाफ हत्या के आरोप हटा लिए गए हैं.
रेनुकास्वामी, जो 33 साल के थे, उनका शव 9 जून को सुमनहल्ली ब्रिज के पास पाया गया था. पोस्टमॉर्टम में कई चोटों, एक कान के गायब होने और फटे जननांगों के टुकड़े मिले. खबरों में कहा गया कि रेनुकास्वामी की मौत कई जोरदार चोटों के कारण सदमा और खून बहने के कारण से हुई, जो संभवतः लकड़ी की क्लब से inflicted की गई थीं. दर्शन, पवित्रा गौड़ा और अन्य को शव मिलने के दो दिन बाद गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने 4 सितंबर को 3,991 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.
इस घटना ने स्थानीय समाज में हड़कंप मचा दिया है, और मामले की जांच को लेकर लोगों में गहरी चिंता जताई जा रही थी. न्यायालय के फैसले ने इस विवादास्पद मामले को और अधिक जटिल बना दिया है.